बड़ी खबर : सर्दी-खांसी से पहले शरीर में कोरोना के नए लक्षण , नई स्टडी में दावा – इन लक्षणों के चलते भी वायरस की शरीर में मौजूदगी का एहसास , खुद को जागरूक और सजग रखने के लिए पढ़े यह खबर

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दिल्ली वेब डेस्क / अभी तक कोरोना वायरस के आम लक्षणों में सर्दी, खांसी और बुखार को मुख्य माना जा रहा था | लेकिन अब एक नई स्टडी सामने आई है | रिसर्च के बाद कहा जा रहा है कि संदेहियों के शरीर में कुछ बदलाव देखने के बाद यकीन हो जाता है कि उस व्यक्ति पर वायरस का असर आने लगा है | स्टडी की मानें तो संक्रमण से पहले कोविड के कई मरीजों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिखाई देने लगते हैं | ये स्टडी अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन की है |

स्टडी में दावा किया गया है कि यह शोध पर आधारित है | दरअसल मरीजों के न्यूरोलॉजिकल लक्षणों पर की गई ये समीक्षा एनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित की गई है.अस्पताल में भर्ती मरीजों में से आधे में COVID-19 के न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिखे, जिसमें सिरदर्द, चक्कर आना, असजगता, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, गंध और स्वाद का ना महसूस होना, दौरे, स्ट्रोक, कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द भी शामिल हैं |

दरअसल ज्यादातर लोगों को तीन प्रकार का कोरोना अपनी गिरफ्त में ले रहा है | इसमें यह लक्षण संक्रमण आने के पूर्व ही शरीर में दिखाई देने लगते है | स्टडी के प्रमुख लेखक और न्यूरो-संक्रामक रोगों के नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन चीफ डॉक्टर इगोर कोरालनिक ने कहा, कि ‘आम जनता और चिकित्सकों को इसके बारे में पता होना जरूरी है, क्योंकि कोरोना वायरस इंफेक्शन बुखार, कफ और सांस की दिक्कत से पहले शरीर में न्यूरोलॉजिक लक्षणों के साथ मौजूद हो सकता है |’

उनके मुताबिक कोरोना वायरस मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डियों, तंत्रिकाओं और मांसपेशियों सहित पूरे नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है | जबकि डॉक्टर कोरालनिक का कहना है कि COVID के कई अलग-अलग तरीके न्यूरोलॉजिकल डिसफंक्शन का कारण बन सकते हैं | ये बीमारी खासतौर से फेफड़ों, किडनी और दिल पर ज्यादा असर डालती है | लेकिन ऑक्सीजन के अभाव में इसका असर ब्रेन पर भी पड़ सकता है | ऑक्सीजन की कमी से क्लॉटिंग डिसऑर्डर भी हो सकता है जिसकी वजह से मरीज को इस्कीमिक या हेमरेजिक , रक्तस्रावी स्ट्रोक भी हो सकता है |

उनके मुताबिक ये वायरस ब्रेन और मेनिन्जेस में प्रत्यक्ष संक्रमण का कारण हो सकता है | इसके अलावा ये इम्यून सिस्टम में सूजन पैदा कर सकता है जिसकी वजह से मस्तिष्क और तंत्रिकाएं खराब हो सकती हैं |डॉक्टर कोरालनिक और उनके सहयोगियों ने एक न्यूरो-कोविड रिसर्च टीम का गठन किया है | अपने अध्ययन को और पुख्ता करने के लिए उन्होंने अस्पताल में भर्ती सभी कोरोना वायरस के मरीजों का गहन विश्लेषण शुरू किया है ताकि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के प्रकार और उनके उपचार पर काम किया जा सके |