बड़ी खबर : 8 हफ्ते के बच्चे को 16 करोड़ का इंजेक्शन, सतर्क हो जाये बच्चों को होने वाली इस बीमारी से

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नई दिल्ली / एक नौवजात बच्चे की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने दिन रात एक कर दिया है। महज आठ हफ्ते के इस बच्चे को दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन लगाया जाएगा। यह बच्चा जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी यानी कि SMA की बीमारी से ग्रसित है। इसके लिए उसे 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाया जाएगा। इस इंजेक्शन का नाम जोलगेनेस्मा है। इस इंजेक्शन को अमेरिका, जर्मनी और जापान से मंगाया जाता है। जोलगेनेस्मा उन तीन जीन थैरेपी में से एक है जिसे यूरोप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। ब्रिटेन में इस रोग से ज्यादा बच्चे पीड़ित हैं लेकिन वहां इसकी दवा नहीं बनती है। इस बच्चे का इलाज भी ब्रिटेन के एक अस्पताल में चल रहा है।

बताया जाता है कि तीन साल पहले तक इस बीमारी का इलाज भी संभव नहीं था | 2017 में रिसर्च और टेस्टिंग के बाद वैज्ञानिकों को इस बीमारी की रोकथाम की दिशा में सफलता मिली। इसके इंजेक्शन का उत्पादन शुरू किया गया। जानकारी के मुताबिक साल 2017 में 15 बच्चों को यह इंजेक्शन लगाया गया था। जिस बच्चे को 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाया जाएगा उसका नाम एडवर्ड है। उस बच्चे के माता-पिता ने इस महंगे इलाज के लिए लोगों की मदद से चंदा जुटाया है। हालाँकि पैसे जुटाने की मुहिम में उन्हें अब तक 1.17 करोड़ रुपये ही मिल पाए है। हालाँकि उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि आने वाले दिनों उन्हें पर्याप्त चंदा मिल जायेगा।

बताया जाता है कि SMA का इलाज कैंसर से भी महंगा है। डॉक्टरों के मुताबिक जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी बीमारी का इलाज विश्व में कुछ एक देशों में ही होता है। उनके मुताबिक जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी यानी SMA शरीर में एसएमएन-1 जीन की कमी से होती है। इससे सीने की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं | मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। यह बीमारी ज्यादातर बच्चों को ही होती है और बाद में दिक्कत बढ़ने के साथ मरीज की मौत हो जाती है। ब्रिटेन में ये बीमारी ज्यादा है और वहां करीब 60 बच्चे हर साल ऐसा पैदा होते हैं जिन्हें ये बीमारी होती है।

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