नई दिल्ली / कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसानों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण सम्मान वापस कर दिया है। प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को करीब तीन पन्ने की चिट्ठी लिखते हुए कृषि कानूनों का विरोध किया, किसानों पर एक्शन की निंदा की और इसी के साथ अपना सम्मान वापस कर दिया। अपना पद्म विभूषण लौटाते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने लिखा, ‘मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है, मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं।
ऐसे में अगर किसानों को अपमान हो रहा है, तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है।’ प्रकाश सिंह बादल ने लिखा कि किसानों के साथ जिस तरह का धोखा किया गया है, उससे उन्हें काफी दुख पहुंचा है। किसानों के आंदोलन को जिस तरह से गलत नजरिये से पेश किया जा रहा है, वो दर्दनाक है। सिर्फ प्रकाश सिंह बादल ही नहीं बल्कि अकाली दल के नेता रहे सुखदेव सिंह ढिंढसा अभी अपना पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार को लौटाएंगे। इससे पहले भी बादल परिवार की ओर से कृषि कानूनों का बड़ा विरोध किया गया था | हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और केंद्र के नए कानूनों को किसानों के साथ बड़ा धोखा बताया था |
सिर्फ इतना ही नहीं सुखबीर बादल ने अकाली दल के NDA से अलग होने का ऐलान करते हुए पंजाब के चुनावों में अकेला लड़ने की बात कही थी | केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कानूनों का विरोध सबसे अधिक पंजाब में ही हो रहा है. पिछले दो महीनों से पंजाब के किसान सड़कों पर हैं, लेकिन अब एक हफ्ते से दिल्ली कूच कर चुके हैं | दिल्ली-एनसीआर के इलाकों को किसानों ने पूरी तरह से घेरा हुआ है और यहीं डेरा जमा लिया है | किसानों को मनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार बातचीत की जा रही है | अबतक चार दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हैं | किसानों का कहना है कि सरकार को तीनों कानून वापस लेने होंगे, साथ ही MSP पर गारंटी देनी होगी |