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बड़ी खबर : कोरोना से मरने वाले 75% फीसदी मरीजों में मिली अन्य बीमारियां, डायबिटीज, लिवर, श्वास रोग और किडनी के रोगियों को सबसे ज्यादा खतरा, यदि आप भी इन बीमारियों से है ग्रसित तो हो जाये सतर्क, जरूर पढ़े इस खबर को

दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना संक्रमण ने लोगों को चिंता में डाल दिया है | भारत में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। देश में एक दिन में सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 17,296 नए मामले सामने आए हैं और 407 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 4,90,401 हो गई है, जिनमें से 1,89,463 सक्रिय मामले हैं, 2,85,637 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 15,301 लोगों की मौत हो चुकी है।

एक अधिकारी ने बताया, अभी तक करीब 58.24 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। संक्रमितों की कुल संख्या में विदेशी भी शामिल हैं।  इस बीच यह रिसर्च सामने आई है कि कोरोना संक्रमण के बाद ज्यादातर वही लोग जान गँवा रहे है, जो डायबिटीज समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित है | हालाँकि मधुमेह पीड़ित रोगियों में कोरोना का खतरा 50 फीसदी ज्यादा पाया गया है। जानकारी के मुताबिक भारत में 11 में से एक व्यक्ति मधुमेह ग्रस्त है। जबकि विश्व के 16.6 फीसदी मधुमेह मरीज भारत में निवसरत हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर पीड़ित मरीजों में की गई जाँच और सर्वे में यह तथ्य सामने आया कि इससे होने वाली मौतों में वो मरीज सर्वाधिक है, जो मधुमेह से पीड़ित थे |

इसके बाद लिवर, किडनी और हार्ट संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीज पाए गए | संक्रमण से मरने वाले मरीजों की कुल संख्या में ऐसे मृतकों की संख्या 75 फीसदी से ज्यादा थी जो अन्य बिमारियों से पीड़ित थे | स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना से मौतों में 75 फीसदी मधुमेह, दिल या बीपी से ग्रस्त थे। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का एक ही सीजन देखने को मिला है। इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं है। इंडियन एकेडमी ऑफ डायबिटीज के अध्यक्ष शशांक जोशी ने बताया कि मधुमेह रोगियों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों का खतरा भी ज्यादा है।

जबकि दिल्ली एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर राकेश यादव का कहना है कि मधुमेह रोगी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आते हैं तो इनमें कोरोना का प्रभाव जानलेवा साबित हो सकता है। वरिष्ठ विषेशज्ञ डॉक्टर लैंसेंट के अनुसार भारत में आधे से ज्यादा मधुमेह मरीजों को बीमारी का पता नहीं होता। 7.7 करोड़ में से 5.7 करोड़ निगरानी नहीं करते। 20% उपचार नहीं लेते। अध्ययनों के मुताबिक, कोरोना के गंभीर मामलों में मधुमेह और मेटाबोलिक सिंड्रोम की स्थिति ज्यादा मिल रही है। उधर दिल्ली के चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद अस्पताल के डॉ. केएन शर्मा का कहना है कि सीएसआईआर की बीजीआर-34 दवा असरदार है। डॉक्टर की तरफ से दीं दवाओं के सेवन और परहेज से भी नियंत्रण में ला सकते हैं। 

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