CG NEWS : बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी करने में विभाग की बड़ी लापरवाही, 12वीं कक्षा की जारी की 2 प्राविण्य सूचियां, परिणाम जारी करने के बाद बदली मेरिट लिस्ट

0
3

रायपुर : शनिवार दोपहर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छत्तीसगढ़ बोर्ड की कक्षा 12वीं और 10वीं का रिजल्ट जारी किया। रिजल्ट मिलने के बाद छात्रों ने राहत की सांस ली। बहुत समय से छात्र इस परिणाम का इंतजार कर रहे थे। लेकिन, परीक्षा परिणाम जारी करने के साथ ही माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से एक बड़ी गलती उजागर हुई है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कक्षा बारहवीं के लिए एक नहीं बल्कि दोनों प्राविण्य सूची जारी कर दी। पहले माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड 12वीं की जो प्राविण्य सूची जारी की थी, उसमें जिन छात्रों को सर्वोच्च स्थान दिया गया था बाद में जारी की गई सूची में वे पिछड़ गए।

बदल गया मेरिट लिस्ट
दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल छत्तीसगढ़ द्वारा जारी की गई 12वीं कक्षा के प्राविण्य सूची में कुछ गड़बड़ियां थी। जिसके कारण बाद में उसे बदल दिया गया। पहले जारी सूची में बालोद के रितेश कुमार साहू ने 95.60% के साथ प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया था। लेकिन, कुछ ही समय के बाद शिक्षा विभाग के सचिव वी. के. गोयल ने एक नई सूची जारी कर दी। इस सूची में प्रदेश में टॉप करने वाले रितेश चौथे स्थान पर खिसक गए। वहीं रायगढ़ जिले की कुंती साव ने 98.20% के साथ पहले स्थान पर जगह बनाई। इसके साथ ही दूसरे स्थान पर बिलासपुर की खुशबू वाधवानी 96.40% और तीसरे स्थान पर जांजगीर से रेणुका चंद्रा 95.80% पर रहीं।

रितेश ने बाँट दी थी मिठाई
पहली सूची आने के बाद रितेश के मन में गजब का उत्साह था उसके परिवार वाले बहुत खुश थे। वे मिठाई बांटना शुरू कर चुके थे। इसी दौरान उनको एक गहरा झटका लगा जब माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव के द्वारा दूसरी लिस्ट जारी की गई। जिसमें यह जानकारी सामने आई कि प्रदेश में रितेश ने नहीं बल्कि कुंती ने अव्वल दर्जा प्राप्त किया है। इसके साथ ही रितेश के क्रम में तीन पायदान की कमी होते हुए चौथे स्थान पर पहुंच गए।

होगी कोई कार्रवाई ?
अब इस बड़ी घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह सामने आ रहा है, कि क्या प्राविण्य सूची जैसे गंभीर विषय पर इस तरह की गलती स्वीकार की जा सकती है? क्या लिस्ट बनाने वाले व्यक्ति की लापरवाही पर विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही की जाएगी? बता दें कि इस संबंध में जब माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव वी के गोयल से बात करने की कोशिश की गई तो उनकी ओर से कोई जवाब अब तक नहीं आया है।