
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस की दिशा में एक और बड़ी और प्रभावी पहल की है। अब राज्य के लगभग 4 लाख शासकीय कर्मचारियों की सेवा संबंधी पूरी जानकारी यानी ‘सेवा कुंडली’ मोबाइल एप और वेब पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होगी। इससे कर्मचारियों को पदोन्नति, वेतन निर्धारण, स्थानांतरण और सेवानिवृत्ति से जुड़ी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और तेजी मिलेगी।
प्रदेश सरकार की “डिजिटल प्रशासन – पारदर्शी समाधान” नीति को आगे बढ़ाते हुए यह व्यवस्था एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप और कार्मिक संपदा वेब पोर्टल के माध्यम से लागू की गई है। इस पहल से सरकारी कर्मचारियों को अपनी प्रोफाइल स्वयं अपडेट करने की सुविधा मिलेगी और कार्यालय प्रमुख पर निर्भरता घटेगी।
सेवानिवृत्ति और जीपीएफ निपटान में होगी तेजी
अब कर्मचारियों को अंतिम जीपीएफ दावे के लिए महालेखाकार कार्यालय में आवेदन पूर्णतः ऑनलाइन करना होगा, जिससे दावे के निपटान में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। साथ ही, जीपीएफ क्रेडिट मिसिंग मॉड्यूल के माध्यम से कर्मचारी और कार्यालय प्रमुख स्वयं ऑनलाइन सुधार कर सकेंगे।
मोबाइल एप से मिलेंगे ये फायदे:
- कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत और सेवा संबंधी जानकारी स्वयं अपडेट कर सकेंगे
- नामिनी, बैंक खाता, पता परिवर्तन आदि के लिए अब कार्यालय प्रमुख पर निर्भरता नहीं
- वेतन विसंगति, पदोन्नति, स्थानांतरण और पेंशन से जुड़ी प्रक्रियाएं होंगी पारदर्शी
- अंतिम सेवा लाभों के त्वरित निपटान में सहायत
डीपीआई और कोष संचालक की अपील
लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक ऋतुराज रघुवंशी और कोष एवं लेखा के संचालक रितेश अग्रवाल ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म कर्मचारियों के लिए सुविधा और पारदर्शिता दोनों को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि अधिकांश कर्मचारी अब तक अपनी प्रोफाइल अपडेट नहीं करते थे, जिससे सेवा उपरांत समस्याएं आती थीं।
अब https://ekoshonline.cg.gov.in/Advertisement/sop_karmik_website_merged.pdf लिंक पर उपलब्ध SOP के अनुसार जानकारी भरना सरल और सुलभ होगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह डिजिटल व्यवस्था छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित करेगी और कर्मचारियों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करेगी।