न्यूज डेस्क / केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सोने के सभी आभूषणों के लिए हॉलमार्क जरूरी करने जा रही है | सरकार के फैसले के मुताबिक अगले साल से सोने के आभूषण बिना हॉलमार्क के नहीं बिक सकेंगे | इस संबंध में 15 जनवरी 2020 को अधिसूचना जारी होगी | केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया |
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, इस दौरान ज्वैलर्स को पुराने सोने के स्टॉक को खत्म भी करना होगा | उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ 26019 ज्वेलर्स ने हॉल मार्क ले रखा है, जबकि देशभर में छोटे-बड़े 6 लाख ज्वैलर्स हैं |
पासवान ने जानकारी दी कि देश के 234 जिलों में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के हॉलमार्किंग 877 केंद्र हैं | बड़े शहरों में हॉलमार्किंग केंद्र हैं, लेकिन छोटे शहरों में नहीं है | पासवान ने बताया कि यह फैसला उपभोक्ताओं और ज्वेलर्स के लाभ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है | हॉलमार्क लोगों को मिलावट से बचाता है और यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को घटिया गुणवत्ता वाले गहने खरीदने में धोखा न मिले | यह निर्माताओं को शुद्धता के कानूनी मानकों को बनाए रखने के लिए भी बाध्य करता है |
भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 को 12 अक्टूबर 2017 और भारतीय मानक ब्यूरो (हॉलमार्किंग) विनिमय 2018 को 14 जून 2018 से लागू किया गया | बीएसआई अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है | अगर बिना हॉलमार्क के अब कोई गोल्ड जूलरी भेजेगा तो उस पर कम से कम 1 लाख का जुर्माना या वैल्यू का पांच गुना देना जुर्माना देना होगा | इसके साथ ही 2 साल की जेल भी हो सकती है |