Budget For Tribal: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने 1 फरवरी को भारत सरकार का 2023-24 का बजट पेश कर दिया. इस बार के बजट में जनजातीय समूहों के लिए भारी राशि आवंटित की गई है. केंद्र सरकार ने अगले तीन वर्षों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए 15,000 करोड़ रुपये की विकास कार्य शुरू करने की घोषणा की है.
इसके साथ ही आदिवासी मामलों के मंत्रालय का बजटीय आवंटन बढ़ाकर 12,414.95 करोड़ रुपये कर दिया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 48% अधिक है. इस साल देश में 9 राज्यों में चुनाव है और सरकार के इस कदम को भी उससे जोड़कर देखा जा रहा है. साल 2023 में 9 राज्यों- कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन चुनावों को 2024 के आम चुनाव के पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. इनमें से कई राज्यों में जनजातीय आबादी की सरकार बनाने में अहम भूमिका होने वाली है.
इन राज्यों में आदिवासी आबादी की अहम भूमिका
छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में 30% से अधिक जनजातीय आबादी है. मेघालय और नागालैंड में 85% से अधिक जनजातीय आबादी है, जबकि मिजोरम में 90% जनजातीय आबादी है. चालू वित्त वर्ष में आदिवासी मामलों के मंत्रालय को 8,401.92 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो बाद में संशोधित अनुमान में 7,281 करोड़ रुपये हो गए.
बुधवार को अपने बजट भाषण में, वित्त मंत्री ने प्रधान मंत्री पीवीटीजी विकास मिशन के लिए 15,000 करोड़ रुपये की घोषणा की, जो अगले तीन वर्षों में उपलब्ध कराए जाएंगे. पिछले साल, पीवीटीजी के विकास के लिए 252 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. संशोधित अनुमान में इसे घटाकर 124.79 करोड़ रुपये कर दिया गया.
एकलव्य स्कूलों का बजट बढ़ा
वित्त मंत्री ने अगले तीन वर्षों में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की भी घोषणा की. एकलव्य स्कूलों का संचालन आदिवासी मंत्रालय करता है. देश भर के दूरदराज के क्षेत्रों में लगभग 3.5 लाख आदिवासी छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं. एकलव्य स्कूलों के लिए आवंटित बजट भी 2023-24 में 2022-23 के 2,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,943 करोड़ रुपये हो गया।
अमृत काल का बजट
केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने इसे “अमृत काल” का बजट बताया है. उन्होंने कहा “पहली बार आदिम जनजातियों के लिए एक विकास मिशन शुरू किया जाएगा ताकि आदिवासी समूहों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सके, ताकि आदिम जनजातियों की बस्तियों को बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जा सके. 15,000 करोड़ रुपये अगले तीन वर्षों में योजना को लागू करने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.”
कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पैकेज
सीतारामन प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों के लिए 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू करने की भी घोषणा की है. वित्त मंत्री ने कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम-विकास पैकेज की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, महिलाओं और कमजोर वर्गों के लोगों को बहुत लाभ होगा.
वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना में न केवल वित्तीय सहायता शामिल होगी बल्कि एडवांस स्किल ट्रेनिंग, आधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉडी का ज्ञान, इफीसिएंट ग्रीन टेक्नोलॉजी, ब्रांड प्रचार, स्थानीय और वैश्विक बाजारों के साथ जुड़ाव, डिजिटल भुगतान और सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच भी शामिल होगी.