News Today Cg: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल का दोबारा मुख्यमंत्री बनना तय,चुनावी जीत की बागडोर इस वर्ग के हाथो में,देंखे टीम बघेल में कौन-कौन…?

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधान सभा चुनाव 2023 में दोबारा भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाने और कांग्रेस की सरकार स्थापित करने के लिए गजब की सोशल इंजीनियरिंग सामने आई है। सरकार के मलाई दार पदों से लेकर कांग्रेस संगठन के मार्फ़त होने वाली नियुक्तियों में एक खास वर्ग का बोल-बाला तेजी से सुर्खियां बटोर रहा है। बताते है कि कांग्रेस को सत्ता की सीढ़ी सिर्फ इसी वर्ग में नजर आ रही है। लिहाजा कई महत्वपूर्ण विभागों से लेकर निगम मंडल,आयोग,प्राधिकरण और परिषदों की बागडोर इस वर्ग के कंधो पर तेजी से डाली जा रही है। 

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छत्तीसगढ़ में लगभग 70 निगम मंडल,आयोग,प्राधिकरण,परिषद् , एक प्रदेश में सबसे बड़ा राज्यस्तरीय सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंक है। इन 70 ठिकानो में से 22 निगम मंडल वा प्राधिकरण ऐसे है,जिसमे एक “जाति” विशेष की ही नियुक्ति की जा सकती है। इसमें (01) अल्प संख्यक आयोग  (02) हज कमेटी (03) उर्दू अकादमी बोर्ड (04) मदरसा बोर्ड (05) सिंधी अकादमी एवं बोर्ड (06) अनुसूचित जाति आयोग (07) अनुसूचित जन जाति आयोग (08) मछुआ कल्याण बोर्ड (09) सरगुजा विकास प्राधिकरण (10) मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण (11) बस्तर विकास प्राधिकरण (12) अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण

(13) आदिवासी जन जाति सलाहकार परिषद्  (14) छत्तीसगढ़ शाकंभरी बोर्ड (केवल मरार पटेल समाज के लिए आरक्षित ) (15)  तेलघानी बोर्ड (केवल साहू तेली जाति) (16) छत्तीसगढ़ अंतव्यवसायी वित्त विकास निगम  (17) माटीकला बोर्ड (केवल कुम्हार और प्रजापति जाति)  (18) छत्तीसगढ़ लौह शिल्पकार बोर्ड (19) छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार बोर्ड  (20) छत्तीसगढ़ केश शिल्पी कल्याण बोर्ड (नाई जाति) (21) छत्तीसगढ़ रजक कल्याण बोर्ड (धोबी जाति) शामिल है।

 छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर विवाद गहराया हुआ है। राज्य की कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व में सभी वर्गों खासतौर पर आदिवासी,अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बढे हुए आरक्षण की मांग कर रहा है। राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति तक बन गई है। मुख्यमंत्री बघेल राज भवन पर हमलावर है,जबकि राजभवन सूत्र साफ़ कर चूके है कि राज्य सरकार द्वारा पारित विधेयक में आरक्षण का प्रतिशत तय मापदंड 50 फीसदी से बढ़कर 75 फीसदी का आंकड़ा पार कर चूका है। यह सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के विपरीत है।

माना जा रहा है कि भले ही विधान सभा से पारित आरक्षण विधेयक को राजभवन से मंजूरी ना मिल पाई हो,लेकिन बघेल के अथक प्रयासों से इस वर्ग विशेष को बढ़े हुए आरक्षण लाभ मुख्यमंत्री ने काफी पहले से देना शुरू कर दिया था।

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उधर,बीजेपी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। पार्टी की दलील है कि बघेल ने समय रहते कोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष ठोस रूप से रखने में कोई रूचि नहीं ली। उसका आरोप है कि मुख्यमंत्री ने घोटालो से जुड़े मामलों में आरोपियों के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष बचाव में देश के सबसे महंगे वकीलों से पैरवी करवाई। इन मामलों में बिलासपुर हाई कोर्ट से लेकर दिल्ली सुप्रीम कोर्ट तक करोडो खर्च कर दिए। लेकिन हाई कोर्ट में आरक्षण मामले की सुनवाई के दौरान कोई नामचीन वकील पैरवी के लिए उपलब्ध नहीं कराया। फिलहाल, मुख्यमंत्री बघेल और राजभवन के बीच आरक्षण विधेयक की मंजूरी को लेकर रस्साकसी का दौर जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोशल इंजीनियरिंग से कांग्रेस में नई आस जगी है। 

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विधान सभा चुनाव 2023 में सामाजिक समीकरणों का नाप-जोप करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक खास जाति विशेष की नियुक्तियों का बड़ा दांव खेलकर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है। बताते है कि एक खास “जाति विशेष” वर्ग की राजनैतिक नियुक्ति कर मुख्यमंत्री बघेल ने कांग्रेस की जीत का रास्ता अभी से तय कर लिया है। बताया जा रहा है कि कुल 70 निगम मंडलो में से 22 एक खास वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद 48 निगम मंडल आयोग,परिषद् सहित अन्य प्रमुख संस्थाओ में एक खास वर्ग की नियुक्ति की गई है। 

बताते है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जादुई समीकरणों से इस बार भी कांग्रेस की “नैय्या पार” लगने की संभावनाए सौ फीसदी तक बढ़ गई है। टीम बघेल में उनके बाद (02) दूसरा नंबर सरकार के सलाहकार विनोद वर्मा का आता है। वर्मा को केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। जबकि (03) प्रदेश के महाधिवक्ता सतीश वर्मा का स्थान है. (04) श्रीमती किरणमयी नायक अध्यक्ष राज्य महिला आयोग (05) प्रमोद नायक अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक बिलासपुर

(06) बैजनाथ चंद्राकर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (07) महेंद्र चंद्राकर उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ कृषि परिषद् (08) आरएन वर्मा उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग (09) महेश चंद्रवंशी सदस्य राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (10) कौशल चन्द्राकर सदस्य श्रम कल्याण मण्डल (11)केशव बंटी हरमुख सदस्य श्रम कल्याण मंडल (12) ज्योति कश्यप सदस्य खाद्य आयोग

(13) प्रवीण वर्मा सदस्य राज्य लोक सेवा आयोग (14) प्रकाश नायक सदस्य राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण (15) अमित चंद्राकर अध्यक्ष बीज विकास निगम कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त (16) शंकर बघेल सदस्य बीज विकास निगम (17) ईश्वर बघेल सदस्य छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था (18) बी आर सिंगरौल सदस्य छैयत्तिसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था (19) ममता चंद्राकर मुख्यमंत्री संरचना एवं उन्नयन प्राधिकरण (20) श्रवण चंद्राकर सदस्य कृषि कल्याण परिषद्  (21) चुन्नी लाल वर्मा सदस्य कृषि कल्याण परिषद् (22) अलोक चंद्राकर उपाध्यक्ष राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड (23) जगदीश वर्मा सदस्य छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा मंडल (24) साक्षी सिरमौर सदस्य छत्तीसगढ़ राज्य दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड का नाम शामिल है। 

बताते है कि छत्तीसगढ़ में कुल 69 कृषि उपज मंडी है। इसमें 09 कृषि उपज मंडियां सबसे बड़ी है। इन मंडियों में रोजाना लाखो की आवक के साथ किसानो की आवाजाही होती है। राज्य में किसानो ने पिछली बार बीजेपी से पल्ला झाड़ कर कांग्रेस का समर्थन किया था। लिहाजा इस बार भी विधान सभा चुनाव 2023 में सभी 09 बड़ी कृषि उपज मंडियों में टीम भूपेश बघेल के किसान सेनापतियों ने मोर्चा संभाला है। इसमें, तेजन चंद्राकर बागबाहरा ,तुलसी वर्मा बलौदा बाजार,शांता वर्मा मानपुर तुलसी,नीलम चन्द्राकर कुरुद,मुरली वर्मा डोंगरगढ़,गोवर्धन देशमुख राजनांदगांव,भोलाराम देशमुख बालोद,रश्मि गबेल अमनदुला, व्यास नारायण कश्यप नैला का नाम शामिल है।  

यह गौरतलब है कि विधान सभा चुनाव 2018 में कुरुद विधान सभा सीट में नीलम चंद्राकर ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी। इसके चलते कांग्रेस की अधिकृत महिला प्रत्याशी लक्ष्मीकांता साहू को हार का सामना करना पड़ा था। इसी तर्ज पर जांजगीर विधान सभा सीट में बसपा के अधिकृत प्रत्याशी व्यास नारायण कश्यप ने 35 हजार वोट प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया था। इस सीट पर कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को मात्र 4100 सौ मतों से हार का सामना करना पड़ा था। बताते है कि इन इलाको में अब कांग्रेस की राह आसान करने के लिए इन स्थानीय नेताओ को टीम बघेल में शामिल किया गया है। 

राजनैतिक नियुक्तियों के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में ममता चंद्राकर को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का कुलपति बनाया गया है। जबकि डॉ ए के चंद्राकर को कुलपति आयुष विश्वविद्यालय,एनके वर्मा कुलपति स्वामी विवेकानंद तकनिकी विश्वविद्यालय दुर्ग और छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल में उज्जवला बघेल को स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी का MD बनाया गया है।

इसके अलावा भी कई विभागों में खास वर्ग को तरजीह दी गई है। बताते है कि इसी कड़ी में शासकीय कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम बदलकर दाऊ वासुदेव चंद्राकर विश्वविद्यालय दुर्ग किया गया है। जबकि रायपुर स्थित पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नामकरण चंदू लाल चंद्राकर विश्वविद्यालय किया गया है। हालाँकि राज्यपाल अनुसुइया उइके ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किए है। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने ससुर डॉ नरेंद्र वर्मा द्वारा रचित गीत “अरपा पैरी के धार” को छत्तीसगढ़ का “राजगीत” घोषित किया है। यही नहीं सामाजिक नेता “डॉ खूबचंद बघेल” स्वास्थ्य योजना को छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण स्वास्थ योजना के रूप में लागू किया गया है। बताते है कि भले ही स्वर्गीय डॉ खूबचंद बघेल और प्रदेश के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल और श्यामाचरण शुक्ल के बीच भले ही 36 का आंकड़ा रहा हो। लेकिन बघेल ने अपनों का ध्यान रखने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी।

बताते है कि भिलाई के निजी चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहित कर सरकारी बनाने में जिस तरह से मुख्यमंत्री बघेल ने ठोस कदम उठाए थे। उसके दूरगामी परिणाम भी सामने आ रहे है। बताते है कि बघेल के सरकारी प्रयासों से इस मेडिकल कॉलेज के संचालको और छात्रों की सालो पुरानी कई समस्याए सुलझ गई है। फिलहाल,राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सिक्का जिस तरह से उछाल मार रहा है,उससे राज्य में 2023 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दोबारा ताजपोशी तय मानी जा रही है।