इंदौर:- युवा राष्ट्र संत के रूप में विख्यात आध्यात्मिक गुरु उदय सिंह देशमुख ‘भय्यू महाराज’ को आत्महत्या के लिए उकसाया गया था. इंदौर जिला अदालत ने इस मामले का दोषी पाते हुए 28 वर्षीय एक महिला समेत तीन अन्य आरोपियों को छह-छह साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. भय्यू महाराज ने इंदौर के बायपास रोड स्थित अपने बंगले में 12 जून 2018 को अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी. भय्यू महाराज के घर से डायरी के पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट बरामद हुआ था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि “वह भारी तनाव से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं.” हाई प्रोफाइल आत्महत्या का यह मामला काफ़ी चर्चा में रहा था.
गौरतलब है कि इस सनसनीखेज घटना के सात महीने बाद पलक पौराणिक के साथ आध्यात्मिक गुरु दो विश्वस्त सहयोगियों-विनायक दुधाड़े और शरद देशमुख को गिरफ्तार किया था. पलक पौराणिक भय्यू महाराज पर आपत्तिजनक चैट और अन्य निजी वस्तुओं के बूते उन पर शादी के लिये कथित रूप से दबाव बना रही थी, जबकि अधेड़ उम्र के आध्यात्मिक गुरु पहले से शादीशुदा थे. पौराणिक, दुधाड़े और देशमुख भय्यू महाराज को ब्लैकमेल करने के साथ ही उन्हें अधिक मात्रा में नशीली दवाएं भी दे रहे थे.
आध्यात्मिक गुरु की आत्महत्या के हाई-प्रोफाइल मामले में इंदौर डिस्ट्रिक कोर्ट ने पलक पौराणिक (28), विनायक दुधाड़े (45) और शरद देशमुख (37) को आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाना) और धारा 384 (जबरन वसूली) के तहत दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई.