रायपुर छत्तीसगढ़ की 23 वर्षीय महिला करीब 8-9 महीने से इस बीमारी से परेशान थी। सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। स्थानीय डॉक्टर ने अस्थमा बताया। इसके अनुसार महिला ने दवा भी खाई। लेकिन फिर भी सांस की तकलीफ दूर नहीं हुई। तब महिला सरकारी दिल के अस्पताल पहुंची।
सांस लेने में तकलीफ की जिस बीमारी को स्थानीय डॉक्टर ने अस्थमा बताया था। महीनों इलाज डी भी किया। वह दरअसल कुत्ते से फैलने वाला एक रोग निकला। मेडिकल टर्म में इस बीमारी को हाईडेटिड सिस्ट कहा जाता है। इस बीमारी की वजह से महिला के फेफड़े खराब हो गए थे, इसमें गुब्बारा जैसा बन गया था। स्थिति ऐसी बनी थी कि उसका बैठना भी मुश्किल हो गया था। सरकारी दिल के अस्पताल में डॉ. कृष्णकांत साहु और उनकी टीम ने इसकी सफल सर्जरी की गई।
सांस फूलने लगी। दिक्कत इतनी बढ़ गई कि वह ठीक से लेट भी नहीं पा रही थी। तब उन्हें किसी ने आंबेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के पास भेजा। डॉ. साहू बताते हैं कि छाती का एक्स-रे एवं सीटी स्कैन कराने पर पता चला कि महिला का बायां फेफड़ा पूरा खराब हो गया है। ऑपरेशन से पहले महिला को कृमि नाशक गोली दी गई। ताकि ऑपरेशन के दौरान या बाद में दूसरे अंगों में यह कृमि न फैले। ऑपरेशन के बाद यह महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है और डिस्चार्ज लेकर घर जाने तैयार है।
एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट यानी एसीआई के डॉक्टरों ने कहा कि- पिछले कुछ सालों में इस तरह की बीमारी का यहां करीब आधा दर्जन से अधिक मामले आए। अधिकांश लिवर व फेफड़े से संबंधित थे। लेकिन किसी भी केस में
कुत्ते से फैलती है बीमारी
फेफड़े में गुब्बारा जैसा नहीं बना था। यह फूट जाता तो स्थिति काफी गंभीर हो जाती।
कुत्ते से फैलने वाली यह बीमारी भारत एवं दक्षिण एशियाई देशों में अधिक देखने को मिलता है। यह कृमि से होता है। यह प्रकार का कीड़ा है। जो कुत्ते के मल से फैलता है। इस बीमारी सबसे ज्यादा लिवर को प्रभावित करती है। इसके बाद फेफड़े, मस्तिष्क एवं आंत । हार्ट के अंदर भी इस बीमारी के रेयर केस मिले हैं।
यह तस्वीर होली में खेलने वाले गुब्बारे की नहीं है, यह फेफड़े से निकला हाइडेटिड सिस्ट है। डॉक्टरों का कहना है कि यह सिस्ट कुत्ते से फैलता है। इसे 23 वर्षीय महिला की सर्जरी कर निकाला गया है। सर्जरी आंबेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में की गई है। महिला के फेफड़े से 25 से अधिक सिस्ट निकाले गए हैं
डॉक्टरों की टीम
कुत्ते से फैलने वाला यह रोग है, जो लिवर व फेफड़ों को खराब करता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कुत्ते पालना बंद करें। पशु चिकित्सक की मदद से उसका डी-वार्मिंग करवाएं।
कृष्णकांत साहू, एचओडी, कार्डियक सर्जरी, अंबेडकर अस्पताल