रायपुर / इंदौर – मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के प्रसार और ऊंचे तापमान के प्रभावों को लेकर विशेषज्ञ की तमाम दलीले फ्लॉप साबित हुई है | कई विशेषज्ञ दावा कर रहे थे कि उच्च तापमान 40 डिग्री पार होते ही संक्रमण में कमी आएगी | कोरोना वायरस उच्च तापमान पर नष्ट हो जायेगा | लेकिन उनके तमाम शोध और दावे जनता के सामने है | लिहाजा किसी सटीक निष्कर्ष पर अभी तक नहीं पहुंचा जा सका हैं कि कोरोना का वायरस और उच्च तापमान के बीच कोई मेलजोल है |
दोनों राज्यों में इन दिनों पारा 42 डिग्री का आंकड़ा पार कर चूका है | कई इलाकों में तो दिन का तापमान 45 डिग्री भी पार कर गया है | लेकिन तमाम इलाकों में पारा चढ़ने के बाद भी इस महामारी के नये मरीजों का मिलना जारी है | मध्यप्रदेश के खरगोन में आसमान से आग बरस रही है | राज्य के सबसे गर्म इलाकों में पारंपरिक रूप से निमाड़ का इलाका शुमार है | यहाँ रोजाना तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है | इसके बावजूद संक्रमण में कोई कमी नहीं आई है | यही हाल छत्तीसगढ़ के कई इलाकों का है | यहाँ भी रोजाना तापमान 45 डिग्री पार कर रहा है |
खरगोन के कलेक्टर गोपालचंद्र डाड का कहना है “पहले हम भी इन कयासों पर विचार कर रहे थे कि गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में कोविड-19 का प्रकोप कम हो सकता है | लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा |” उन्होंने बताया, “खरगोन में कोविड-19 के नये मरीज लगातार मिल रहे हैं | तापमान बढ़ने से जिले में इस महामारी के प्रसार और तीव्रता में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं देखा गया है |
इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर सलिल साकल्ले ने बताया, “हम देख रहे हैं कि इंदौर में जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बिना लक्षणों वाले और हल्के लक्षणों वाले मरीजों की तादाद में इजाफा हो रहा है |” साकल्ले ने यह भी कहा कि इन संकेतों से किसी सटीक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है और इसके लिये विस्तृत अनुसंधान की जरूरत है | फ़िलहाल छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों के एक्टिव केस 376 पहुँच गए है | जबकि मध्यप्रदेश में मरीजों का आंकड़ा 7 हज़ार 645 पहुँच गया है |