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Bengal CM News: क्या ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनेंगे बंगाल के अगले मुख्यमंत्री? अचानक क्यों होने लगी चर्चा

Bengal CM News: क्या ममता बनर्जी अब संरक्षक या मार्गदर्शक मंडल जैसी किसी भूमिका में जाने वाली हैं? क्या वह अगली पीढ़ी को अब राजनीति सौंपना चाहती हैं? यह सवाल पिछले कुछ घंटों से कोलकाता की सड़कों से लेकर दिल्ली तक लोगों के मन में उठ रहा है. दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के 37वें जन्मदिन के मौके पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बड़े संकेत दिए हैं. राज्यसभा के पूर्व TMC सांसद कुणाल घोष ने कहा है कि डायमंड हार्बर के सांसद अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं.

विपक्षी दलों ने घोष के इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. सत्तारूढ़ दल पर वंशवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया गया है. अभिषेक के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर घोष ने उनके अच्छे स्वास्थ्य, खासकर उनकी आंखों से जुड़ी समस्याओं के ठीक होने की कामना की है. उन्होंने पार्टी में अभिषेक के योगदान की भी प्रशंसा की.

घोष ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘अभिषेक बनर्जी ने बेहद कम उम्र में अपनी नेतृत्व क्षमता साबित कर दी है. मैं राजनीति में सक्रिय रहूं या न रहूं, मैं इस उभरते सितारे को करीब से देखूंगा.’ उन्होंने लिखा, ‘अभिषेक भले ही कम उम्र के हों, लेकिन जब तक मैं टीएमसी में सक्रिय हूं, वह मेरे नेता हैं. राजनीति से परे, मेरे मन में उनके प्रति स्नेह और आदर है. मैंने वर्षों तक ममता बनर्जी को नेतृत्व करते देखा है, और अब मैं अभिषेक को उभरते हुए देख रहा हूं, जो समय के साथ और अधिक परिपक्व हो रहे हैं, आधुनिक तरीकों और प्रौद्योगिकी का मिश्रण कर रहे हैं, अपने कौशल को और अधिक निखार रहे हैं.’

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घोष ने कहा, ‘अभिषेक एक दिन पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बनेंगे और तृणमूल कांग्रेस को एक नए युग में ले जाएंगे. वह ममता बनर्जी की भावनाओं और विरासत का प्रतीक हैं.’ अभिषेक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं. वैसे, एक नेता के दावे पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं, फिर भी राजनीति गरमाहट जरूर देखने को मिल रही है.

भाजपा और लेफ्ट पार्टियों ने घोष के बयान की कड़ी आलोचना की है. भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘टीएमसी लोगों की पार्टी नहीं है, यह एक पारिवारिक व्यवसाय है. वे मुख्यमंत्री के पद को विरासत की तरह सौंपने की तैयारी कर रहे हैं.’ भाजपा ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के लोग ऐसी वंशवादी प्रवृत्तियों से ऊब चुके हैं और वास्तविक प्रतिनिधित्व की तलाश में हैं.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुजन चक्रवर्ती ने टीएमसी पर परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता देने के लिए जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘टीएमसी लोगों की पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन वह समय-समय पर दिखाती है कि वह सत्ता एक ही परिवार के हाथों में केंद्रित रखना चाहती है. यह बयान उन हजारों वफादार टीएमसी कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करता है, जो पार्टी की सफलता के लिए प्रयास करते हैं.’

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