काबुली चने को प्लांट बेस्ड प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत माना गया है। यह तुलनात्मक रूप से देसी चने से रंग में हल्का और आकार में बड़ा होता है। कई खास अवसरों पर काबुली चने से सब्जी, सलाद तथा कटलेट आदि व्यंजन भी तैयार किए जाते हैं। काबुली चने खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही पौष्टिक भी। काबुली चने सेहत के साथ आपके बालों और त्वचा के लिए भी फायदेमंद माने गए हैं। तो आइए जानते हैं काबुली चने के पोषक तत्व और इन्हें खाने के फायदों के बारे
बहुत स्वादिष्ट होता है। इसके अलावा, वे बहुत पौष्टिक भी होते हैं। चना प्रोटीन और विटामिन बी6 का अच्छा स्रोत है। छोले में फोलेट, मैंगनीज, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम आदि जैसे यौगिक भी पाए जाते हैं। साथ ही इसमें फाइबर भी होता है जो दिल के लिए फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं चना खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं।
ब्लड शुगर (blood sugar )को नियंत्रित करता है
मधुमेह रोगियों के लिए चना के सेवन के निर्देश भी दिए गए हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए चना बहुत फायदेमंद होता है, इसका सेवन कई तरह से किया जा सकता है। चने में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में कारगर होता है।
बीपी कंट्रोल में रहता है
अपने आहार में छोले को शामिल करके आप रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं। हाई बीपी के मरीजों को रोजाना 4700 मिलीग्राम पोटैशियम की जरूरत होती है, जिसे चने से पूरा किया जा सकता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है
छोले में फाइबर की मौजूदगी के कारण यह पाचन तंत्र को भी ठीक रखता है। यह आंत में फंसे विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
हड्डियों को मजबूत बनाता है
छोले में आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी, ए, ई, फोलेट, एंटीऑक्सिडेंट जैसे कई यौगिक होते हैं, जिनके सेवन से हमारे शरीर की हड्डियां मजबूत रहती हैं।
यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खे के आधार पर लिखी गई है।news todaycg.comइसकी सफलता या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।