रायपुर / दिल्ली : छत्तीसगढ़ में कोल खनन परिवहन घोटाले की जद में ED की कार्यवाही से घिरे महासमुंद से विधायक विनोद चंद्राकर एक नई मुसीबत से भी घिर गए है। सूत्र बताते है कि एयर इंडिया की एक महिला कर्मचारी से अभद्रता के मामले की एयर इंडिया की ओर से कराई गई जांच में विधायक चंद्राकर प्राथमिक रूप से दोषी पाए गए थे। उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही का मामला महीनो से लटका है। विधायक चंद्राकर के ठिकानो पर ED की रेड के साथ ही उनके खिलाफ एयर इंडिया की लंबित कार्यवाही चर्चा में है। दावा किया जा रहा है कि,राजनैतिक प्रभाव के चलते DGCA ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था।
बताते है कि 07/09/2019 को विधायक चंद्राकर अपने पांच साथियों के साथ रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचे थे। उनको रायपुर से रांची जाना था। उनके एक घंटे देरी से एयरपोर्ट पहुंचने के कारण फ्लाइट उड़ान भर चुकी थी। आरोप था कि जब विधायक चंद्राकर को फ्लाइट टेक ऑफ के बारे में जानकारी दी गई तो उन्होंने एयर इंडिया की महिला कर्मचारी को गालियां दी थीं। हालांकि विधायक चंद्राकर ने कर्मी के आरोपों को झूठा बताते हुए उस पर मानहानि का मुकदमा करने की बात कही थी।
उधर,पीड़ित की शिकायत की प्राथमिक जांच में एयर इंडिया ने विधायक चंद्राकर को कदाचार का दोषी पाया था। एयर इंडिया की ओर से इस दौरान बताया गया था कि विधायक का बोर्डिंग टाइम 5.30 बजे था, लेकिन चंद्राकर एक घंटे लेट करीब 6.30 पर एयरपोर्ट पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर जब एयर इंडिया की कर्मचारियों ने कहा कि वह काफी लेट हैं और फ्लाइट रवाना कर दी गई है तो विधायक जी ने आपा खो दिया था।बताते है कि बदसलूकी के मामले ने इतना ज्यादा तूल पकड़ लिया था कि सीआईएसएफ को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था।
विधायक विनोद चंद्राकर ने घटना के दौरान न्यूज़ टुडे को बताया था कि महिला कर्मी ने उनकी बात नहीं सुनी और गेट बंद कर दिया था, इसके बाद वे एयर इंडिया स्टाफ से बात करने पहुंचे थे, लेकिन स्टाफ ने कुछ न कर पाने की बात कही थी। विधायक ने अपनी सफाई में बताया था कि वे दूसरे दिन सड़क मार्ग से रांची के लिए रवाना हुए थे, विधायक का कहना था कि सीसीटीवी की जांच की जाए, अगर उन्होंने दुर्व्यवहार किया है तो उनके खिलाफ एफआईआर कराएं और कहा था कि, मैं बेकसूर हूं तो मानहानी का दावा करूंगा।
बताते है कि एयर इंडिया की ओर से शुरुआती जांच में विधायक चंद्राकर को दोषी पाया गया था। तत्कालीन एयर इंडिया प्रबंधन ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे।लेकिन सालो बाद भी एयर इंडिया ने यह रिपोर्ट जारी नहीं की। बताते है कि मामले को राजनैतिक दबाव के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।इसके बाद एयर इंडिया का टाटा समूह में विलय हो गया था। फिलहाल विधायक चंद्राकर पर ED की कार्यवाही के बीच एयर इंडिया की लंबित वैधानिक कार्यवाही का मामला भी तरोताज़ा हो गया है। बताते है कि DGCA ने भी विधायक चंद्राकर की अलमारी में कैद फाइल को बाहर निकाल उसके पन्नो को पलटना शुरू कर दिया है।