टीकमगढ़: कलियुग में पारिवारिक संपत्ति के बराबर हिस्से के बंटवारे के बाद माता-पिता के शव की हिस्सेदारी का नया मामला सामने आया है। इस प्रकरण में कई लोगों को झकझोर कर दिया है। घटना ही ऐसी है, जिसमे एक पुत्र ने अपने पिता की मौत के बाद उनके शव के आधे हिस्से की मांग कर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया। हालांकि पुलिस हस्तक्षेप के बाद शव का अंतिम संस्कार हो पाया है। आमतौर पर पैतृक संपत्ति विवाद से जुड़े कई मामले सुर्ख़ियों में है। लेकिन ऐसा पहला वाक्या है, जब विवाद इतना बढ़ा कि शव की हिस्सेदारी की मांग को लेकर महाभारत छिड़ गया।
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दरअसल, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में पिता के अंतिम संस्कार को लेकर दो भाइयों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि बड़े भाई ने पिता के शव का आधा हिस्सा ही मांग लिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर अंतिम संस्कार करवाया है। घटना जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर लिधोराताल गांव में हुआ है। पुलिस के अनुसार ध्यानी सिंह घोष (84) छोटे बेटे देशराज के साथ गांव में रहते थे और वही उनकी देखभाल करता था।
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बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर दूसरी जगह रहने वाला बड़ा बेटा किशन भी गांव पहुंच गया। उसने यह कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया कि पिता का अंतिम संस्कार वह करेगा, लेकिन छोटे बेटे का कहना था कि उनके पिता की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार वही करे। दोनों भाइयों में बहस इतनी बढ़ गई कि किशन ने पिता के शव को दो हिस्सों में बांट कर दोनों को देने की मांग कर दी। विवाद बढ़ता देख लोगों ने पुलिस को सूचित किया।
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पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए किशन को समझाने की कोशिश की. काफी मशक्कत के बाद पुलिस उसे समझाने में सफल रही और वह शांत होकर वहां से चला गया. इसके बाद छोटे बेटे देशराज ने पिता का अंतिम संस्कार पूरा किया. यह घटना गांव भर में चर्चा का विषय बन गई. स्थानीय लोग भी हैरान थे कि एक बेटा अपने पिता के शव को बांटने की मांग कैसे कर सकता है ?