Friday, September 20, 2024
HomeNationalहो जाये सतर्क, 60 साल से कम उम्र वाले मोटे पुरुषों की...

हो जाये सतर्क, 60 साल से कम उम्र वाले मोटे पुरुषों की कोरोना संक्रमण से ज्यादा हुई मौते, स्टडी में खुलासा

दिल्ली / कोरोना वायरस मोटे लोगों पर कितना प्रभाव डालता है, इसे जानने बुझने के लिए एक स्टडी की गई है | इस स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस मोटे लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है | इस स्टडी में यह बताया गया है कि कोरोना वायरस की वजह से 60 साल से कम उम्र की मोटी महिलाओं की तुलना में मोटे पुरुषों की मौत ज्यादा हो रही है | स्टडी से यह तथ्य भी सामने आया कि कोरोना का ज्यादा खतरा मोटे लोगों पर तो है ही | इसके अलावा अधिक उम्र के मोटे व्यक्ति को कोरोना से बचाव के तौर तरीकों पर बेहद ध्यान देना होगा |

अमेरिका में कैसर परमानेंटे साउर्दन कैलिफोर्निया हेल्थ सिस्टम के शोधकर्ताओं ने 7000 कोरोना संक्रमितों की केस स्टडी की है, ये सभी अलग -अलग उम्र के मोटे व्यक्ति थे | वैज्ञानिकों ने पाया कि अगर बाकी सारी बीमारियां और परिस्थितियां हटा दी जाएं तो सिर्फ मोटापा अकेला ऐसा कारण है जिसकी वजह से 60 साल से कम पुरुषों की ज्यादा मौत हो रही है |

स्टडी में बताया गया है कि अत्यधिक मोटे लोगों के शरीर का Body Mass Index 40 प्वाइंट से ज्यादा है तो कोरोना की वजह से उनकी मौत की आशंका सामान्य मरीजों की तुलना में तीन गुना बढ़ जाती है. यदि BMI 45 पार करता है तो मौत की आशंका चार गुना ज्यादा हो जाती है | इन दोनों ही स्थितियों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की हालत ज्यादा खराब देखी गई है | अध्ययन के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं संक्रमण से तुलनात्मक रूप से बची हुई हैं |

मेडिकल साइंस में इसके पहले भी ये सवाल उठा था कि कि क्या कोरोना वायरस मोटे और ज्यादा वजनी लोगों को अधिक नुकसान पहुंचाता है? इस बारे में वैज्ञानिकों की अलग -अलग राय देखी गई थी | लेकिन अब इस स्टडी से वे अपडेट हो सकेंगे | स्टडी में यह तथ्य भी शामिल किया गया कि संक्रमण के सरकारी आंकड़े क्या कहते है ? इसमें यूरोप के नेशनल हेल्थ सर्विस ने बताया कि यूरोप में जितने भी लोग बीमार हुए हैं उनमें से दो तिहाई मोटे लोग थे | NHS की इस रिपोर्ट के मुताबिक यदि आपके शरीर में जरूरत से ज्यादा चर्बी है, बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा है, तो ऐसे व्यक्तियों के लिए कोरोना वायरस का खतरा बढ़ जाता है |

डॉक्टरों का भी मानना है कि मोटे लोगों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उतनी अच्छी नहीं होती जितने दुबले या फिट लोगों की होती है. क्योंकि ये लोग फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स वाले भोजन नहीं करते. इससे इनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है | डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादा वजन होने से या मोटापा होने की वजह से शरीर के डायाफ्रॉम और फेफड़ों को फूलने-पिचकने में दिक्कत होती है. यानी भरपूर सांस लेने में दिक्कत होती है. मोटे लोगों की सांस जल्दी फूलने लगती है. इसलिए उनके शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा नहीं पहुंचती |

NHS ने यह भी बताया कि गंभीर रूप से बीमार लोगों में 40 फीसदी लोग 60 साल से कम उम्र के और मोटे हैं | अकेले यूनाइटेड किंगडम में कोरोना से संक्रमित कुल मरीजों में से आईसीयू में भर्ती 63 प्रतिशत मरीज मोटे हैं या वे ज्यादा बीएमआई वाले हैं | बताया गया कि मार्च के महीने में यूके में एक समय में करीब 194 मरीज ICU में एडमिट हो रहे थे. इनमें से करीब 130 मरीज अपने शरीर के मुताबिक ज्यादा वजनी पाए गए | यह भी देखा गया कि ICU में एक समय में भर्ती 194 लोगों में से 139 मरीज पुरुष हैं, जबकि महिलाएं मात्र 57 भर्ती हो रही थी | इन मरीजों में से 18 मरीज ऐसे पाये गए, जिनको फेफड़ों या दिल संबंधी बीमारी थी | कहा जाये तो मोटापे की वजह से उत्पन्न अन्य बीमारियां आदि |

bureau
bureau
BUREAU REPORT
RELATED ARTICLES

Most Popular

spot_img