केरल में होटलों और रेस्टोरेंट में खाने से पहले हो जाये सतर्क, चिकन और अन्य फ़ूड का जायका बढ़ाने के लिए ऐसा क्या खिलाया जा रहा कि लोगो की जा रही जान ? दूसरी मौत

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तिरुवनन्तपुरम : केरल में देश भर से सैलानी साल भर आते है। लेकिन अब यहाँ का खाना – पीना उन्हें महंगा पड़ने लगा है। केरल यात्रा के बाद कई लोगो को पेट की समस्या से जूझना पड़ रहा है। कुछ की मौत की खबर है। बताते है कि केरल यात्रा के दौरान या फिर यात्रा की कामयाबी के बाद घर पहुंचते ही कई लोगो की हालत इतनी बिगड़ रही है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है। बताते है कि ऐसे एक नहीं बल्कि दर्जनों मामले है। कुछ लोगो की मौत के बाद परिजनों ने अचानक सेहत में आई गिरावट को महसूस भी किया है। पीड़ितों के मुताबिक केरल में शैर – सपाटे के लिए जाने वाले लोग सतर्क हो जाये। उनके मुताबिक अगर आप होटल में खाने के शौकीन हैं, तो वहां बनने वाले फूड क्वालिटी और शुद्धता को लेकर अलर्ट रहें। वरना महंगा पड़ सकता है। 

केरल का यह मामला टूरिस्ट के लिए एक सबक है। बताते है कि राज्य में फूड पॉइजनिंग की घटनाएं देशभर के मीडिया में सुर्खियों में छाई हुई हैं। केरल में कुछ दिनों के अंतराल में फूड पॉइजनिंग की दूसरी मौत को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसके पूर्व भी एक महिला की फ़ूड पॉइजनिंग से मौत की खबर है।

 इस घटना से मचे बवाल के बाद अल रोमानसियाह रेस्तरां के मालिक समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इससे पहले पिछले हफ्ते कोट्टायम में एक रेस्टोरेंट का दूषित खाना खाने से एक 33 साल की नर्स की मौत हो गई थी। नर्स रेशमी राज ने 29 दिसंबर, 2022 को कोट्टायम के होटल पार्क में चिकन डिश ‘अल फहम’ का ऑर्डर दिया था। इसके बाद उसे फूड पॉइजनिंग हो गई थी। वो कोट्टायम के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नर्स थी। इलाज के दौरान उसे बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने कहा कि कोझिकोड में पिछले साल दिसंबर में कथित तौर पर एक भोजनालय से खाना खाने के बाद करीब 21 लोग बीमार पड़ गए थे। 

बताया जाता है कि एक चौंकाने वाली घटना में केरल के कासरगोड स्थित रेस्तरां से खाना खाने के बाद एक 19 वर्षीय लड़की की मौत हो गई। पुलिस ने मृतका की पहचान अंजुश्री पार्वती के रूप में की है। बताते है कि 7 दिनों तक फूड प्वाइजनिंग के लक्षणों से जूझने के बाद रविवार को अंजुश्री का निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक, अंजुश्री ने 31 दिसंबर को कासरगोड शहर के अदकठबेल में अल रोमानियाह रेस्तरां से एक फुल चिकन मंथी, एक फुल चिकन 65, मेयोनीज़ और सलाद का आदेश दिया था। इन्हें खाने के बाद वह बीमार पड़ गई। डॉक्टरों ने चेकअप के बाद बताया था कि उसे फूड पॉइजिनिंग हुई है। उधर अंजुश्री की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फूड पॉइजिनिंग से मौत होना नहीं पाई गई है। हालांकि विस्तृत PM रिपोर्ट का इंतजार है। पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण के कारण कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हुई है। 


मंगलुरु के एक अस्पताल में अंजुश्री की मौत के बाद बवाल भी हुआ। अचानक उसकी मौत से शहर में खलबली मच गई। प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके आंतरिक अंग क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसके बाद उसे पीलिया भी हो गया था। हालांकि, PM रिपोर्ट में और अधिक स्पष्टता के लिए उच्च स्तरीय परीक्षणों की मांग उठाई जा रही है। कासरगोड जिले के पुलिस अधीक्षक वैभव सक्सेना ने कहा कि महिला की मौत के बारे में पुलिस के पास कुछ सुराग हैं, लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले वे केमिकल टेस्ट के रिजल्ट का इंतजार कर रहे है।

बताते है कि अंजुश्री के इंटरनल ऑर्गन्स की सैम्पल रिपोर्ट के लिए फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। केरल में फूड पॉइजनिंग की बढ़ती घटनाओं ने  मद्देनजर लोग हैरत में है। बताया जाता है कि जायका बढ़ाने के लिए कई ऐसे केमिकल इस्तेमाल किये जा रहे है जो स्लो पाइजन का काम कर रहे है। कई लोगो के मुताबिक होटल और रेस्टोरेंट में खाने के बाद कई बार उनका पेट ख़राब हो जाता है। पहले वे इसे मौसमी बीमारी का असर समझते थे। लेकिन जब से उन्होंने खान – पान में ध्यान दिया तब पता पड़ा की खाने पीने में कुछ गलत हुआ है। उनके मुताबिक कई टूरिस्ट भी होटलो में बीमार हुए है। 


उधर मामले के तूल पकड़ने के बाद केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सभी 14 जिलों में होटल रेस्टोरेंट में ‘व्यापक’ निरीक्षण करने और बिना लाइसेंस, मिलावटी और अनहाइजेनिक मील्स परोसने वाली दुकानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मंत्री ने कहा, “मिलावटी या एक्सपायर्ड खाना परोसना एक क्राइम है। सरकार इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है, क्योंकि यह लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाला मामला है।” उन्होंने कहा कि एक बार लाइसेंस रद्द होने के बाद दोबारा लाइसेंस बनवाना मुश्किल होगा। 

सरकार द्वारा पिछले साल जुलाई से दिसंबर तक लगभग 50 हजार होटलों, रेस्टोरेंट और खाने – पीने के ठिकानो का निरीक्षण किया गया था। इसमें  9,248 भोजनालयों को नोटिस जारी किए गए, 149 को बंद कर दिया गया और 97.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।केरल हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि फ़ूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को राज्य भर के होटलों का निरीक्षण करने और मिलावटी या सेहत के लिए हानिकारक भोजन और खाना पकाने की स्थिति में दोषी पाए जाने पर उनके लाइसेंस तत्काल रद्द करने का निर्देश दिया है।  केरल हाईकोर्ट ने 5 जनवरी को राज्य सरकार से पूछा कि राज्य में फूड पॉइजिनिंग की घटनाओं के संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं? जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और पीजी अजीतकुमार की बेंच ने यह भी पूछा कि क्या लाइसेंसधारियों पर मुकदमा चलाया जा रहा है?