छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पहचान छिपाकर रह रहे बांग्लादेशी दंपती गिरफ्तार, दोनों का वीजा एक्सपायर, फर्जी आधार, पैन-कार्ड, परिचय पत्र बनवाया, ‘ज्योति’ बनकर रह रही थी शाहिदा…..

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दुर्ग: दुर्ग पुलिस की STF (स्पेशल टास्क फोर्स) जिले में पहचान छिपाकर अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों की तलाश कर रही है। STF ने 4 दिन के भीतर दूसरी कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी दंपती को गिरफ्तार किया है। दोनों भिलाई में पत्नी घरेलू काम करती थी और पति इंडस्ट्रीज में काम करता था। STF प्रभारी सत्य प्रकाश तिवारी के अनुसार उन्हें जानकारी मिली कि सुपेला कांट्रेक्टर कॉलोनी में एक महिला और पुरुष यहां अवैध तरीके से पहचान छिपाकर रह रहे हैं। दोनों बांग्लादेश के निवासी है और भारत जिस वीजा पासपोर्ट से आए थे, वो एक्सपायर हो गया है।

पुलिस ने तुरंत दोनों को हिरासत में ले लिया है। जब उनके दस्तावेजों की जांच कर उनसे पूछताछ की गई तो महिला ने अपना नाम ज्योति बताया और उसके पति ने अपना नाम रासेल शेख बताया। पुलिस ने बारीकी से जांच की तो पता चला कि महिला का असली नाम शाहिदा खातून (35 साल) है। वो यहां अपना नाम (ज्योति) बदलकर भिलाई में किराए के मकान में रह रही है। पुलिस ने जांच में पाया कि ज्योति ने रासेल शेख से 2017 में शादी की। इसके बाद दोनों ने पासपोर्ट और वीजा के आधार पर भारत में प्रवेश किया। इस दौरान ज्योति का वीजा 13-09-2018 को और रासेल का वीजा 12 अप्रैल 2020 को समाप्त हो गया था। इसके बाद भी दोनों यहां अवैध तरीके से रह रहे थे।

पुलिस ने जांच में पाया कि भिलाई में रहते हुए ज्योति ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र और पासपोर्ट बना लिया था। इसके बाद वे यहां रहकर इंटरनेट कॉल और वाट्सएप के जरिए बांग्लादेश में अपने परिजनों से संपर्क में थे। एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि शाहिदा खातून इससे पहले साल 2009 में भारत आ चुकी थी। उसने भारत बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बोंगा बार्डर को अवैध तरीके से पारकर नार्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया था। इसके बाद वो हावड़ा होते हुए मुंबई पहुंची और वहां मेहनत मजदूरी करने लगी। यहां उसकी मुलाकात बांग्लादेश निवासी मो. रासेल से हुई।

दोनों मुंबई से वापस पश्चिम बंगाल आ गए। यहां शाहिदा ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया। इसके बाद उन दोनों ने शादी कर लिया। फिर दोनों कुछ दिन तक वहां रहने के बाद बांग्लादेश चले गए। वहां से फिर साल 2017 में भारतीय का वीजा पासपोर्ट के आधार पर भारत आए और फिर वापस ही नहीं गए। जानकारी के मुताबिक रासेल दिल्ली में लूट के मामले में आरोपी रह चुका है। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।