Bangladesh Violence: पड़ोसी देश बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका समेत कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन किए। रविवार शाम वाहकों को आग के हवाले कर दिया और सुरक्षाबलों के साथ झड़पों में दर्जनों लोग घायल हो गए। इस दौरान 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की खबर है। इसके साथ ही जुलाई से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद मौत का आंकड़ा करीब 300 तक पहुंच गया है। हजारों बांग्लादेशी प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर असहयोग कार्यक्रम में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए। जो सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों से सामना होने पर भिड़ गए। इस दौरान भीषण झड़पें हुईं। यह संघर्ष बांग्लादेश में प्रदर्शन शुरू होने के बाद सबसे घातक दिनों में से एक था। रविवार को 100 से ज्यादा लोग मारे गए। जुलाई से अब तक विरोध प्रदर्शनों में करीब 300 जानें गई हैं।
कोटा सिस्टम खत्म करने पर छात्र आंदोलन, 200 मौतें
- बांग्लादेश गृह मंत्रालय ने भयंकर झड़पों के बीच देशभर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का फैसला किया और देशभर में मोबाइल इंटरनेट को कड़ी पाबंदी के साथ बंद कर दिया है। देशभर में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच सुरक्षा की दृष्टि से सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय अवकाश का ऐलान किया है।
- कुछ दिन पहले ही पुलिस और ज्यादातर छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच विवादास्पद कोटा सिस्टम को खत्म करने की मांग को लेकर हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए थे। इस प्रणाली में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के रिश्तेदारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों का आरक्षण था।
भारत ने अपने सभी नागरिकों को “अत्यधिक सतर्कता” बरतने और अपनी गतिविधियों को सीमित रखने की सलाह दी है। सहायक उच्चायोग ने X पर एक पोस्ट में कहा- सभी भारतीय नागरिकों सहित छात्र, जो भारत के सहायक उच्चायोग, सिलहट के अधिकार क्षेत्र में रहते हैं, इस कार्यालय से संपर्क में रहें। आपात स्थितियों में कृपया +88-01313076402 पर संपर्क करें।
UN मानवाधिकार के प्रमुख ने जताई चिंता
- संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा- बांग्लादेश में “चौंकाने वाली हिंसा” को खत्म होना चाहिए। उन्होंने सरकार से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाना बंद करने का आग्रह किया है।
- पिछले महीने सिविल सर्विस जॉब कोटा के खिलाफ शुरू हुई रैलियां प्रधानमंत्री हसीना के 15 साल के शासन में सबसे खराब अशांति की स्थिति में बदल गई हैं। प्रदर्शनकारी 76 वर्षीय पीएम के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
- प्रदर्शनकारियों ने सरकार के इस्तीफे समेत अन्य मांगों को लेकर बातचीत के लिए हसीना के आमंत्रण को ठुकरा दिया है। इन प्रदर्शनों ने बांग्लादेश के फिल्म स्टार, संगीतकार और गायकों को आकर्षित किया है। समर्थन की मांग वाले गाने सोशल मीडिया में फैल जा रहे हैं।