आजमगढ़ / बालिका वधु सीरियल ने कई किरदारों की रोजी रोटी की समस्या दूर कर दी | छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक में उन्हें काम मिलने लगा | इस सीरियल की लोकप्रियता ने कई कलाकारों को मुकाम दिलाया | ऐसे कलाकार मुंबई में स्थापित हो चुके है | लेकिन इस सीरियल में पर्दे के पीछे काम कर रहे कई लोग रोजी रोटी की तलाश में जुटे है | इनमे कई मशहूर टीवी सीरियल और फिल्मों में डायरेक्शन करने वाले डायरेक्टर रामवृक्ष गौड़ भी शामिल है | वे रोजी रोटी के लिए इन दिनों ठेला चला कर सब्जी बेचने पर मजबूर हैं | कई लोगों ने जब उन्हें पहचाना तो उनके होश फाख्ता हो गए |
मुंबई में एक से एक मशहूर कलाकारों को अपने इशारों पर हंसाने और रुलाने वाले डायरेक्टर रामवृक्ष गौड़ आज अपनी आजीविका के लिए सड़कों पर पसीना बहा रहे है | इन दिनों डायरेक्टर रामवृक्ष उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में अपने घर में रह रहे हैं | कोरोना के चलते मुंबई से उनका नाता टूट चूका है | मुंबई की रील लाइफ और असल जिंदगी की रियल लाइफ के बीच जमीन आसमान का अंतर है |
बॉलीवुड में चकाचौंध और भागमभाग की जिंदगी जीने वाले डायरेक्टर को कोरोना काल ने कई समस्याओं से जकड़ दिया है | संघर्ष के दौर में कोरोना वायरस के आ जाने से बॉलीवुड की तमाम गतिविधियां ठप्प है | ऐसे में स्थापित हो चुके कलाकारों की जिंदगी जैसे तैसे चल रही है | लेकिन जिन कलाकारों और पर्दे के पीछे कार्य करने वाले लोगों को संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ रहा है, उनकी माली हालत काफी नाजुक बनी हुई है | उन्हें अपनी परिस्थितियों से समझौता कर रोजी रोटी के लिए नए ठिकाने तलाश करने पड़ रहे है |
रामवृक्ष गौड़ भी इसी बिरादरी में शामिल है | उन्हें इस समस्या से इस कदर जूझना पड़ रहा है कि परिवार और खुद का पेट भरने के लिए सब्जी बेचने की नौबत आ चुकी है | हालांकि वे इन परिस्थितियों का सामना डट कर रहे है | उनका मानना है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता | डायरेक्टर रामवृक्ष का कहना है कि रियल लाइफ और रील लाइफ दोनों साथ चलती रहती हैं |
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में वे आजमगढ़ लौटे थे | अपने काम धंधे में आई इस नई समस्या से वे भी हैरत में है | हालाँकि सब्जी बेचने साथ – साथ वे अपने बच्चों की पढाई पर भी ध्यान दे रहे है | उनके मुताबिक अनुकूल परिस्थितियां आने पर वे फिर मुंबई का रुख करेंगे | फ़िलहाल तो वे परिवार की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे है | गौड़ का कहना है की परिस्थितियां खराब हैं तो कोई गम नहीं, आज नहीं तो कल हालात सुधरेंगे |