रायपुर : – आख़िरकार पुत्र मोह के चलते पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने एक बार फिर प्रदेश की जनता के साथ दगाबाजी का परिचय दिया है | इस मामले में कांग्रेस का रुख भी सवालों के घेरे में है | दरअसल, रायपुर में विधानसभा के मानसून सत्र का आज अंतिम दिन था | मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कई सक्रीय विधायक जनता से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सदन के भीतर बीजेपी से दो – दो हाथ कर रहे थे | इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की गिरफ़्तारी की खबर सामने आई | इससे पहले की सदन के भीतर कांग्रेस का रुख और कठोर होता, पूर्व मुख्यमंत्री बघेल सदन से अचानक नौ -दो ग्यारह हो गए |

विधानसभा से बघेल के गायब होने की भनक लगते ही कांग्रेसी विधायकों के बीच खलबली मच गई | पूर्व मुख्यमंत्री की तर्ज पर कई विधायको ने भी सदन से दूरियां बना ली | विधानसभा परिसर में ज्यादातर कांग्रेसी विधायक अपना फ़ोन घन -घनाने लगे | बिट्टू के ED के हथ्थे चढ़ने और गिरफ़्तारी की पुष्टि के बाद ये विधायक भी सदन से खिसक गए | उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पदचिन्हों की तर्ज पर रायपुर जिला अदालत की ओर रुख करना शुरू कर दिया | इस दौरान सदन में गिने -चुने ही कांग्रेसी विधायकों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई | नतीजतन सदन के भीतर जनता के कई मुद्दों ने दम तोड़ दिया |

छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेसी विधायकों की गैर – जिम्मेदारी को लेकर लोगो के बीच जमकर माथपच्ची जारी रही | बीजेपी के कई विधायकों ने कांग्रेस के गैर जिम्मेदार रवैये पर हैरानी जताई | उनके मुताबिक मानसून सत्र के आखिरी दिन जन समस्याओं को लेकर मुख्य विपक्षी दल को गंभीरता दिखानी चाहिए थी | लेकिन ऐसा नहीं हुआ | सरकार के साथ जन समस्याओं को सुलझाने और विचार विमर्श करने के बजाय विपक्ष सदन से गायब होता नजर आया | छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस का रुख चर्चा का विषय बना हुआ है |

उधर सुबह से जारी ED की छापेमारी को राजनैतिक स्टंट करार देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बघेल जैसे ही विधानसभा परिसर पहुंचे, उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ते देखी गई | सदन में हाजिर होने के बजाय तमतमाए बघेल ने सीधे मीडिया का रुख किया और बीजेपी और केंद्र पर जमकर भड़ास निकाली | इस दौरान मौके पर मौजूद भू -पे उपकृत पत्रकारों ने बघेल से उनकी काली करतूतों को लेकर प्रश्न -प्रतिप्रश्न करने की न तो हिम्मत जुटाई और न ही अपना मुँह खोला | प्रेस -मीडिया के रुख के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री भी सिर्फ अपनी भड़ास निकालते रहे |

जनता के मुद्दे एक बार फिर पुत्र मोह के सामने धाराशाई हो गए | जनता के हिमायती होने का दावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की असलियत फिर सामने आई | विधानसभा में सरकारी तिजोरी से प्रतिदिन लाखों रूपए सिर्फ इसलिए खर्च किये जाते है क्योंकि पक्ष – विपक्ष मिलकर जनता के भाग्य का फैसला करते है | जनहित से जुडी योजनाओं पर मंथन कर उसे लागू किया जाता है | इसमे विपक्ष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण बताई जाती है | राजनीति के जानकार तस्दीक करते है कि कांग्रेस के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री समर्थकों की अभी भी तूती बोल रही है | प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कुख्यात आर्थिक अपराधियों के बचाव के लिए कांग्रेस पार्टी को अपना हथियार बना लिया है |
