Badlapur Case: अक्षय शिंदे के परिजनों के पुलिस पर गंभीर आरोप, शव लेने से किया इनकार, मनाने में जुटा प्रशासन

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बदलापुर: Badlapur Case: बदलापुर दुष्कर्म मामले में आरोपी अक्षय शिंदे के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि अक्षय को फर्जी एनकाउंटर में मारा गया है। परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है। वहीं आरोपी के पिता ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) से कराने की मांग की है। अक्षय शिंदे की 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी।

अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने वकील अमित कतरानवारे ने यह याचिका न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच के सामने रखी गई है। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एनकाउंटर की जांच सीआईडी को सौंप दी है। ठाणे क्राइम ब्रांच ने आरोपी अक्षय शिंदे का 23 सिंतबर को शाम करीब 6:15 बजे एनकाउंटर किया था, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। ठाणे क्राइम ब्रांच अक्षय को तलोजा जेल से बदलापुर लेकर गई थी। सरकार ने बताया था कि अक्षय ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर फायर किए थे, जिस पर पुलिस ने आत्मसुरक्षा में गोली चलाई, जिसमें अक्षय मारा गया।

इस घटना के बाद अक्षय के परिवार ने आरोप लगाया कि उसे हिरासत में जमकर पीटा गया था। मामले को दबाने के लिए एनकाउंटर कर दिया गया। उसका शव भी नहीं देखने दिया। वहीं इस एनकाउंटर को लेकर सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष ने सवाल उठाया है कि जब अक्षय हथकड़ी में था, तो वो फायरिंग कैसे कर सकता है?

अक्षय पर बदलापुर के एक स्कूल में बच्चियों का यौन शोषण करने का आरोप था। साथ ही उस पर अपनी पूर्व पत्नी के भी यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज था। पूर्व पत्नी के यौन उत्पीड़न के मामले में ही पुलिस उसे जेल से बदलापुर लेकर गई थी। सरकार का कहना है कि जांच के बाद जेल लौटते समय अक्षय ने एक पुलिस अधिकारी की रिवॉल्वर छीनकर पुलिसकर्मियों पर कथित तौर पर तीन गोलियां चलाईं। जिनमें से एक गोली असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे की जांघ में लगी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अक्षय के सिर में गोली लगी। क्राइम ब्रांच की टीम अक्षय को अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।