नई दिल्ली / देश में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता की चर्चा जोरो पर है | माना जा रहा है कि नए साल में वैक्सीन का वितरण शुरू हो जाएगा | लेकिन इसके साथ ही वैक्सीन के साइड इफेक्ट और कारगर होने की चर्चा भी जोर पकड़ रही है | बताया जा रहा है कि वैक्सीन तभी कारगर होगी जब शरीर में एल्कोहल की मात्रा निर्धारित होगी | दरअसल कई दवाओं में एल्कोहल का उपयोग होता है | यह मात्रा निर्धारित होती है | लेकिन मदिरा निर्माण में उपयोग किये गए एल्कोहल की मात्रा वैक्सीन की गुणवत्ता को एक झटके में खत्म करने के लिए पर्याप्त बताई जा रही है | जानकारी के मुताबिक वैक्सीन का टीका लगने के बाद मदिरा प्रेमियों को इससे 14 से लगभग 2 माह तक दूरियां बनानी होगी | वर्ना वैक्सीन का प्रभाव शरीर में खत्म हो जायेगा | हालांकि अभी भी दुनियाभर में कोरोना वायरस से लोगों की चिंता बढ़ी हुई है |
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इस वायरस के रोकथाम के लिए वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे है | वैक्सीन के प्रारंभिक प्रयोग सफल रहे हैं , लेकिन अब इसके कारगर होने की रिसर्च हो रही है | इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दे रहे है | वैज्ञानिक अब इसके परहेज की भी चर्चा करने लगे है | उनके मुताबिक वैक्सीन और एल्कोहल दोनों में से किसी एक को चुनना होगा | वैक्सीन लगने के उपरांत शराब पीने से उसका प्रभाव खत्म हो जाएगा | रूस की स्पूतनिक वैक्सीन और ‘कोवैक्सीन’ को लगाने वालों को एक सलाह दी जा रही है कि वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में शराब का सेवन न करें, नहीं तो वैक्सीन असर नहीं करेगा।
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भारत बायोटेक द्वारा तैयार किए जा रहे ‘कोवैक्सीन’ को लगवाने के बाद 14 दिनों तक शराब के सेवन से परहेज करना होगा, वहीं रूस में तैयार ‘स्पूतनिक-वी’ लगवाने पर अगले दो महीने तक शराब पीना मना हो जाएगा। स्पूतनिक वैक्सीन के लिए भारत ने भी करार किया है और जल्द ही यह वैक्सीन भारतीयों को भी लगाई जा सकती है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के गमालिया इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी ने सलाह दी है कि स्पूतनिक वैक्सीन का हर डोज लेने के बाद कम से कम तीन दिन तक शराब का सेवन न करें। संस्थान के निदेशक एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग ने कहा कि हम पूर्ण शराब पाबंदी की बात नहीं कर रहे। लेकिन एक नियंत्रित रोक आवश्यक ह। यह केवल स्पूतनिक की नहीं किसी भी कोरोना वैक्सीन के लिए कारगर सलाह है। गौरतलब है कि रूस में हाल ही में लोगों को स्पूतनिक-वी टीका दिया जा रहा है। रूस के उपप्रधानमंत्री ततियाना गोलिकोवा का कहना है कि मेरी सलाह देने का लक्ष्य यह है कि लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनी रहे।
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हाल ही में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने बड़े स्तर पर वैक्सीन लगाने की मुहिम की शुरुआत करने का आदेश दिया था। रूस अपने ही देश में विकसित ‘स्पूतनिक वी’ नामक वैक्सीन का उपयोग कर रहा है, जिसे अगस्त के महीने में मंजूरी दे दी गई थी। कोरोना वैक्सीन लगाने की मुहिम के लिए हजारों की संख्या में चिकित्सकों, शिक्षकों और अन्य लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। वहीं राष्ट्रपति से आदेश मिलने के बाद वैक्सीन देने के लिए दर्जनों केंद्र खोले गए हैं।
स्पूतनिक टीका लेने के दो महीने बाद वैक्सीन काम करना शुरु करेगी। इस दौरान वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति को कुछ सावधानियां रखनी पड़ती है। रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के गमालिया इंस्टीच्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के प्रमुख एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग का भी कहना है कि स्पूतनिक वैक्सीन लेने के बाद अगर शराब का सेवन करेंगे तो वैक्सीन का प्रभाव कम होने का खतरा है। कंज्यूमर सेफ्टी वॉचडॉग की प्रमुख अन्ना पोपोवा ने कहा है कि कोविड-19 स्ट्रेन को खत्म करने के लिए शराब बिल्कुल ना पीएं। वहीं, इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज के प्रमुख डॉ. समिरन पांडे ने कहा कि चिकित्सकीय भाषा में अल्कोहल को ‘इम्यूनो सप्रेसेंट’ कहा जाता है। खून में अल्कोहल मिलने के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
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