नई दिल्ली / कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को पंजाब में एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए कहा , ‘मुझे फ्री प्रेस दे दो और अन्य प्रमुख संस्थानों को आजाद कर दो, फिर देखो यह सरकार लंबे समय तक नहीं चलने वाली। भारत में पूरे ढांचे को बीजेपी सरकार द्वारा नियंत्रित और कब्जा कर लिया गया है। लोगों को आवाज देने के लिए डिजाइन किए गए पूरे आर्किटेक्चर पर कब्जा कर लिया गया है।’ लेकिन ठीक इस बयान के उलट कांग्रेस शासित राज्यों- छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पत्रकारों के साथ मारपीट और और उनके खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं।
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ताजा मामला राजस्थान का है जहां की पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार शरत कुमार और सचिन पायलट के मीडिया सलाहकरा लोकेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। दोनों पत्रकारों पर आरोप लगाया गया है कि ये लोग जैसलमेर के होटल में ठहरे विधायकों के फ़ोन टैप किए जाने को लेकर भ्रामक और ग़लत ख़बरें फैला रहे थे। दरअसल बीते अगस्त माह के दौरान जब सचिन पायलट ने पार्टी से बगावत की थी तो उस समय पायलट कैंप ने आरोप लगाया कि गहलोत कैंप अपने ही विधायकों के फोन टैप करवा रहा है।
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वहीं कांग्रेस शासित दूसरे राज्य छत्तीसगढ़ में भी पत्रकारों से मारपीट का मामला पिछले महीने ही सामने आया था। कांकेर ज़िले में स्थानीय पत्रकार सतीश यादव और कमल शुक्ला पर हुए हमले को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठे थे। आरोप है कि ये हमले कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने किए थे। इसे लेकर पत्रकार कमल शुक्ला ने थाने के सामने भी अनशन किया और पुलिस ने जबरन उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया। वहीं कांग्रेस ने अपने नेताओं की संलिप्तता को लेकर इंकार किया है जबकि कमल शुक्ला का साफ-साफ कहना है कि हमला करने वाले कांग्रेस नेता ही थे।
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इन पत्रकारों पर हुए हमले से पूर्व राज्य के आधा दर्जन से ज्यादा अन्य पत्रकारों के खिलाफ खबरों में असलियत जाहिर करने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार FIR दर्ज करवा चुकी है | इसमें वरिष्ठ पत्रकार साजिद हासमी का नाम भी शामिल है | साजिद हासमी ने कोरोना काल में स्वास्थ विभाग द्वारा खरीदी गई रैपिट किट में कमीशनखोरी और टेंडर में अनियमितता बरते जाने के जैसे ही साक्ष्य पेश किये |
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हकीकत से बौखलाई सरकार ने अपने अफसरों पर कार्रवाई करने के बजाये उनके खिलाफ बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज करवा दी | गैर क़ानूनी रूप से दर्ज कराई गई इस FIR को रद्द करने की मांग को लेकर साजिद हासमी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है |