रायपुर : छत्तीसगढ़ में IT – ED की छापेमारी से हड़कंप है। प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी और पूछताछ से राजनैतिक और प्रशसनिक सरगर्मिया जोरो पर है। सूत्र बताते है कि छापेमारी की जद में आये कई लोग अब अपने हिसाब – किताब को जायज ठहराने के लिए एडी – चोटी का जोर लगा रहे है। पेंच उस नगदी और ब्लैकमनी का फंस रहा है, जो छापेमारी के दौरान दस्तावेजी साक्ष्यों में एंट्री के रूप में सामने आया है। इस मामले में भुगतान संबंधी कई डिजिटल सबूतों को सामने रख चल रही पूछताछ कई संदेहियों, कारोबारियों और उद्योगपतियों पर भारी पड़ रही है।
सूत्रों का दावा है कि कुछ बड़े अफसरों और नेताओं के नाते – रिश्तेदारों व करीबियों के अलावा कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी गिरोह को किये गए भुगतान को लेकर गहमा – गहमी है। बताया जा रहा है कि इस भुगतान को जायज ठहराने या नाजायज करार देने, दोनों ही सूरत में गर्दन फंस रही है। लिहाजा कई संदेही पूछताछ से भी किनारा करने के लिए नए – नए उपक्रमों में जुट गए है। इस मामले में एक बजरंगी पहलवान चर्चा में है।
बताया जा रहा है कि आज सुबह अचानक बजरंगी पहलवान की तबियत ख़राब हो गई। बगैर वर्जिस (कसरत) किए पहलवान को एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। बाद में पता चला कि बजरंगी पहलवान एक नहीं बल्कि दो मर्जो से अस्पताल में भर्ती हुए है।
पहला उनके सीने में हो रहा दर्द हार्ट अटैक से जोड़कर देखा जा रहा है। जबकि दूसरे मर्ज के बारे में बताया गया कि, शरीर में लकवा के लक्षण है। डॉक्टरो की एक टीम सतत पहलवान की निगरानी कर रही है, उनके जल्द स्वास्थ लाभ की भगवान से प्रार्थना है।
इधर यह भी खबर आ रही है कि ED ने बजरंगी पहलवान को हाजिर होने का पैगाम सुनाया था। मामला उनके बेटे से हुई पूछताछ से जुड़ा बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक गब्बर सिंह टैक्स के भुगतान, महंगे गिफ्ट, उद्योग धंधो में चलने वाली लेनी – देनी, हवाला, कच्चा लेनदेन, नगद नारायण की भेट के अलावा एक खास शख्स को मोटा भुगतान किये जाने के मामले में बेटे ने हाथ खड़े कर दिए है।
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब के लिए पुत्र ने पिता को आगे कर दिया।उसने कहा कि एन्ट्री वाले उल्टे-सीधे मामलो का जवाब मैं नहीं ‘बापू’ देगा। उधर जवाब को लेकर बजरंगी पहलवान चारो खाने चित्त हो गया है।उसे एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई नजर आ रही है।बताया जा रहा है कि बाबू बजरंगी का हाल-चाल जानने के लिए कई नेता अस्पताल की दौड़ लगा रहे है। उनका मकसद मामले को राजनैतिक रंग देकर ED पर दबाव बनाना है।
नतीजतन पिता का पक्ष सुनने के लिए बुलावा भेजा गया था। लेकिन बाबू बजरंगी जाँच अधिकारियो के दफ्तर में जाने के बजाय अस्पताल चले गए। फिलहाल, उनके मिजाज को देखते हुए एजेंसिया उनके इंतजार की बाठ जोह रही है।