रिपोर्टर – मनोज सागर
इंदौर / मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की वकालत करने वाले कम्प्यूटर बाबा इन दिनों प्रशासन के निशाने पर है | उनके अवैध निर्माण की चर्चा जोरो पर है | बताया जाता है कि आध्यात्मिक कार्यों के बजाये इस आश्रम का उपयोग राजनैतिक बैठकों के लिए होता था | यहाँ बड़े पैमाने पर अवैध किया गया था | अक्सर बीजेपी और उसके नेताओं पर हमलावर रुख अपनाने वाले कम्पयूटर बाबा को अब बुलडोजर का सामना करना पड़ रहा है |
दरअसल स्थानीय प्रशासन ने आज सुबह जंबूडी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर बने कंप्यूटर बाबा के आश्रम को जेसीबी मशीनों से ढहा दिया है। इस दौरान विरोध करने पर पुलिस ने बाबा सहित छह लोगों को जेल भेज दिया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंप्यूटर बाबा ने इंदौर जिले के जंबूडी हप्सी गांव में 46 एकड़ जमीन में से तीन एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके घर बना लिया था। मामला गरमाने पर पिछले दिनों राजस्व विभाग ने इसकी जांच की।
जांच में अवैध कब्जा पाए जाने पर बाबा को सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने नोटिस भी जारी किया था। बता दें कि आज की सुबह कलेक्टर मनीष सिंह के आदेश पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और कब्जा हटाने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
एसडीएम राजेश राठौर और शाश्वत शर्मा ने न्यूज़ टुडे को बताया कि तीन एकड़ जमीन पर कब्जा करके घर बना लिया था। किसी तरह का विरोध न हो इसके लिए प्रशासन ने पहले ही पुख्ता इंतजाम कर लिए थे और राजस्व अमले के साथ गांधी नगर थाने की पुलिस बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद थे। इस दौरान विरोध और हंगामा कर सरकार कार्य में बांधा डालने पर पुलिस ने कंप्यूटर बाबा सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
गौरतलब है कि, कंप्यूटर बाबा को 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। लेकिन 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का साथ देने का मन बनाया और पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। हाल ही में हुए मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में भी कंप्यूटर बाबा ने कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया था और पूरे चुनाव प्रचार के दौरान शिवराज सरकार पर जमकर हमला साधा था।