
योग गुरु बाबा रामदेव ने भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इस कदम को केवल व्यापारिक दबाव नहीं, बल्कि “राजनीतिक आतंकवाद और तानाशाही” करार दिया। रामदेव का कहना है कि भारत किसी भी देश से सम्मान और क्षमता में कम नहीं है, इसलिए अमेरिका को यह निर्णय वापस लेना ही पड़ेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे चीन पर लगाए गए टैरिफ को अमेरिका को वापस लेना पड़ा, उसी तरह भारत पर थोपे गए फैसले भी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएंगे।
बाबा रामदेव ने विश्वास जताया कि भारत आने वाले 10-15 सालों में हर क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करेगा। उन्होंने लोगों से अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील की। उनका मानना है कि स्वदेशी केवल आर्थिक नीति नहीं बल्कि भारत की संस्कृति और प्रकृति में रचा-बसा दर्शन है। यही आत्मनिर्भरता आने वाले समय में भारत को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति बनाएगी।
रामदेव ने कहा कि स्वदेशी का विचार केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर है। युगों-युगों से भारत ने आत्मनिर्भरता की राह पर चलकर ही अपनी अस्मिता को बचाए रखा है।
इसके साथ ही उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण पर भी अपनी राय रखी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि असीमित जनसंख्या किसी भी देश के लिए घातक है। सीमित भूमि और संसाधनों को देखते हुए सभी वर्गों और समुदायों में संतुलित तरीके से जनसंख्या नियंत्रण की नीति लागू करना जरूरी है।