अयोध्या / इंदौर – अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की आधारशिला रखे जाने के साथ ही विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि इस निर्माण कार्य के अगले तीन साल के भीतर पूरा हो जाने की उम्मीद है | कोकजे ने कहा, “अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास से दुनियाभर के हिंदुओं में उत्साह है | केंद्र सरकार के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के गठन के बाद मंदिर निर्माण की प्रक्रिया जिस सुगम तरीके से आगे बढ़ रही है, वह अद्भुत है|”
उन्होंने कहा कि “हमें उम्मीद है कि अयोध्या में राम मंदिर तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा |” कोकजे ने कहा कि राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण विहिप के उसी मॉडल में मामूली बदलाव के साथ किया जाएगा, जिसके तहत पिछले तीन दशक से पत्थर तराशे जा रहे हैं | उन्होंने कहा, “राम मंदिर को भव्य स्वरूप देने के लिए हमारे मॉडल में थोड़ा बदलाव किया गया है | हमने दो मंजिलों के लिए पहले से पत्थर तराशकर रखे हैं, जिनका इस्तेमाल मंदिर निर्माण में किया जाएगा |”कोकजे ने आरोप लगाया कि देश की आजादी के बाद कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के कारण अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की योजना लगातार पिछड़ती चली गई | उन्होंने कहा, “देश के बदले माहौल में अब कांग्रेस के नेता एक और राजनीतिक दांव चलते हुए खुद को हिंदुओं का हितैषी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं |”
मंदिर प्रॉजेक्ट के अनुसार मंदिर को बनकर तैयार होने में तीन से साढ़े तीन साल का समय लगेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा और इसका निर्माण वास्तु के अनुसार किया जाएगा। मंदिर के शिखर की ऊंचाई अब बढ़ाकर 161 फुट कर दी गई है। वहीं पूरे मंदिर में पांच विशाल गुंबद होंगे। गौरतलब है कि राममंदिर के पुराने नक्शे में सिर्फ तीन गुंबद प्रस्तावित थे, लेकिन अब इसमें दो गुंबद और बढ़ा दिए गए हैं। वहीं मंदिर का जमीनी आकार भी बढ़ा कर दिया गया है।
मंदिर की ऊंचाई में भी 33 फीट की बढ़ोतरी कर दी गई है। मंदिर के पुराने मॉडल के हिसाब से मंदिर की लंबाई 268 फीट 5 इंच थी, जिसे अब बढ़ाकर 280-300 फीट कर दिया गया है। राम मंदिर के पांचों गुंबदों के नीचे के हिस्से में चार हिस्से होंगे। जिसमें सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंगमंडप बनेगें। यहां श्रद्धालुओं के बैठने, आराम करने और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की व्यवस्था होगी। मंदिर के शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिक राम मंदिर के निर्माण में 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह खर्च बढ़ भी सकता है, यदि इसकी निर्माण अवधि की समय सीमा तय की जाएगी तो ज्यादा संसाधन चाहिए होंगे। इससे बजट भी बढ़ेगा।