
August 2025 Festival Calendar in Hindi: धार्मिक दृष्टिकोण से अगस्त 2025 का महीना बेहद खास रहने वाला है। सावन का समापन और भाद्रपद मास की शुरुआत इसी माह में होगी। इस दौरान एक के बाद एक कई प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ेंगे, जिनका विशेष धार्मिक और पारिवारिक महत्व है। इस लेख में हम आपको अगस्त 2025 के सभी बड़े व्रत-त्योहार की तारीखें और पूजा के शुभ मुहूर्त की जानकारी दे रहे हैं:
- श्रावण पुत्रदा एकादशी – 5 अगस्त 2025 (मंगलवार)
पूजा विशेष: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा
पारण मुहूर्त: 6 अगस्त, सुबह 06:17 बजे से 08:52 बजे तक
- रक्षाबंधन और श्रावण पूर्णिमा – 9 अगस्त 2025 (शनिवार)
राखी बांधने का समय: सुबह 06:18 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक
चंद्रोदय समय (पूर्णिमा): रात 07:24 बजे
महत्व: भाई-बहन के रिश्ते का पर्व, भगवान शिव-पार्वती पूजा भी विशेष
- बहुला चतुर्थी – 12 अगस्त 2025 (मंगलवार)
गणेश पूजा मुहूर्त: शाम 06:55 बजे से 07:21 बजे तक
मान्यता: सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए व्रत
- कजरी तीज – 12 अगस्त 2025 (मंगलवार)
उद्देश्य: विवाहित स्त्रियां पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी – 16 अगस्त 2025 (शनिवार)
मध्यरात्रि पूजा मुहूर्त: 12:04 AM से 12:47 AM (17 अगस्त तिथि)
मान्यता: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव
- अजा एकादशी – 19 अगस्त 2025 (मंगलवार)
पारण मुहूर्त: 20 अगस्त, सुबह 06:21 बजे से 08:53 बजे तक
लाभ: आर्थिक संकट से मुक्ति
- भाद्रपद अमावस्या / पिठोरी अमावस्या – 23 अगस्त 2025 (शनिवार)
प्रदोष व्रत मुहूर्त: शाम 07:01 बजे से रात 09:17 बजे तक
उद्देश्य: पितरों की शांति हेतु श्राद्ध व तर्पण
- हरतालिका तीज – 26 अगस्त 2025 (मंगलवार)
पूजा मुहूर्त: सुबह 06:22 बजे से 08:53 बजे तक
महत्व: विवाहित स्त्रियां पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं
- गणेश चतुर्थी – 27 अगस्त 2025 (बुधवार)
गणेश पूजा मुहूर्त: दोपहर 11:24 बजे से 01:55 बजे तक
मान्यता: विघ्नहर्ता भगवान गणेश का जन्मोत्सव
- ऋषि पंचमी – 28 अगस्त 2025 (गुरुवार)
पूजा मुहूर्त: दोपहर 11:24 बजे से 01:55 बजे तक
उद्देश्य: सप्तऋषियों को श्रद्धांजलि, स्त्रियों द्वारा शुद्धि हेतु व्रत
निष्कर्ष:
अगस्त 2025 में लगभग हर सप्ताह कोई न कोई बड़ा व्रत या त्योहार पड़ रहा है। धार्मिक अनुष्ठानों और पारिवारिक मिलन का यह महीना आपके जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर सकता है। सभी पर्वों पर शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजा और व्रत अवश्य करें।