Atul Subhash Case: सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष हत्या-आत्महत्या केस में नया खुलासा, शक के दायरे में पत्नी निकिता सिंघानिया, पीजी के दस्तावेजों में दिया था इनका पता-ठिकाना, राजनैतिक प्रभाव में पुलिस ? एक और चौंकाने वाला खुलासा…. 

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दिल्ली/बंगलूरू: बंगलूरू में आत्महत्या करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष केस में शक के दायरे में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया आ गई है। उनके क्रियाकलापों को लेकर नया खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक निकिता सिंघानिया ने गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित ब्लॉस्म स्टेज पीजी में अपने आधार कार्ड और पुलिस वेरिफिकेशन में जो दस्तावेज जमा कराए थे, उसे लेकर नई दास्तान सामने आई है। निकिता ने पता-ठिकाना वाले कॉलम में खुद का मोबाइल नंबर और अपनी मां का नाम एवं फोन नंबर लिखा था। निकिता ने यहां अपने पति अतुल सुभाष के नाम या उसके मोबाइल नंबर को कोई जिक्र नहीं किया था। पुलिस वेरिफिकेशन के लिए तैयार किए गए दस्तावेज में दूसरे मोबाइल का कॉलम भी उसने खाली छोड़ रखा है। इस बीच, गुरुग्राम पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं।

आरोप है कि निकिता के वेरिफिकेशन में पुलिस की ओर जानबूझ कर देरी की थी। पीजी के केयर टेकर ने पुलिस पर यह आरोप जड़ा है। उसके मुताबिक केयर टेकर, शक के दायरे में आई निकिता की आईडी लेकर वेरिफिकेशन के लिए सेक्टर-56 थाने पहुंचा था। लेकिन पुलिस ने समय पर कोई कार्रवाई नहीं की। फिर अतुल आत्महत्या का मामला खुला तब जाकर पुलिस पीजी पहुंची थी। जानकारी सामने आई है कि निकिता ने पीजी में तीन माह के लिए रूम शेयरिंग में लिया था। इसकी एवज में उसने पांच हजार रुपये एडवांस दिए थे। निकिता ने वेरिफेशन फार्म में अपना आधार कार्ड दिया था। इसके साथ ही वह नजदीक की हांगकांग मार्केट से सामान भी खरीदकर लाई थी। यह भी तथ्य सामने आया है कि ऑनलाइन भुगतान के जरिये उसने पांच हजार रुपये एडवांस देकर एक कमरा बुक किया था। 

उधर गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित ब्लॉस्म स्टेज पीजी में निकिता सिंघानिया ने जिस कमरे में रहने के लिए बुक किया था, उसे पुलिस ने फिलहाल सील कर दिया है। निकिता ने बीते 14 नवंबर को यह कमरा ऑनलाइन पांच हजार रुपये एडवांस देकर बुक किया था। इसमें रहने के लिए वह आठ को अपना सामान लेकर पहुंची थी।निकिता सिंघानिया ने सेक्टर-57 स्थित ब्लॉस्म स्टेज पीजी में अपना आधार कार्ड दिया था। कमरे के लिए कराए गए एग्रीमेंट और पुलिस वेरिफिकेशन के लिए दिए गए दस्तावेज के कॉलम में उसने अपना मोबाइल नंबर और अपनी मां निशा सिंघानिया का नाम व मोबाइल नंबर दिया था। पीजी संचालकों की माने तो निकिता उनके यहां सिर्फ एक रात ही रुकी थी। 9 दिसंबर को वह बाकी सामान लाने की बात करके गई थी। उसके बाद मीडिया के माध्यम से ही उन्हें निकिता की गिरफ्तारी का पता चला। पुलिस की जांच टीम भी एक बार उनके पीजी पर आई थी। उसके बाद निकिता के कमरे पर ताला लगवाकर टीम चली गई।

पीजी संचालकों के अनुसार, रात भर यहां रुकने के बाद नौ दिसंबर की सुबह वह चली गई। इस कमरे में रहने वाली निकिता की रूममेट के बारे में बताया जाता है कि इन दिनों वो भी अपने घर गई हुई है। पीजी के केयर टेकर गुड्डू ने बताया कि प्रबंधन की ओर से मामले की जांच कर रही पुलिस टीमों को एक मेल भेजकर कमरे में रखे निकिता सिंघानिया के सामान को उठवाने की बात कही है। पुलिस द्वारा कमरा सील किए जाने के कारण उस कमरे में रहने वाली दूसरी लड़की का सामान भी बंद है। फिलहाल वह लड़की अपने घर गई हुई है। बताया जाता है कि पुलिस ने पीजी संचालकों को हिदायत दी कि कोई भी व्यक्ति इस कमरे के अंदर न जाए। डबल शेयरिंग वाले पीजी के इस कमरे में रहने वाली दूसरी लड़की से भी पूछताछ के आसार है। 40 कमरों वाले इस पीजी के केयरटेकर गुड्डू ने बताया कि निकिता अकेले ही कमरा देखने के लिए आई थी। वहीं, सामान रखने के लिए भी निकिता अकेले ही आई थी।