बलात्कारी आईएएस जेपी पाठक के खिलाफ लगा एट्रोसिटी एक्ट , बढेंगी मुश्किलें

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जांजगीर चांपा /  पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। एट्रोसिटी एक्ट गैर जमानती अपराध है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता ने शुक्रवार को अपना जाति प्रमाण पत्र विवेचना अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर एससी/एसटी एक्ट की धाराएं भी जुड़वा दी है।पाठक जांजगीर-चाम्पा के कलेक्टर थे. हालिया प्रशासनिक फेबदल में उनका तबादला संचालक भू अभिलेख के पद पर किया गया था | 

विवेचना अधिकारी पद्मश्री तंवर के मुताबिक पीडिता शुक्रवार को थाना पहुंची थी। इस दौरान उसने अपना जाति प्रमाण पत्र दिया। इसके बाद इस एक्ट को जोड़ा गया है। इससे पहले धारा 376, 506 और 509 ख कायम किया गया है।उन्होंने बताया कि पीड़िता ने अभी तक वह मोबाइल पुलिस को नहीं सौंपा है, जिसमें उसने निलंबित आईएएस के खिलाफ साक्ष्य जुटाए है। 

गौरतलब है कि जे पी पाठक पर काम दिलाने के बहाने बुलाकर बलात्कार करने का आरोप लगते ही नौकरशाही में हड़कंप मच गया था | मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर लिया था | महिला ने अपने आरोप में कहा था कि तत्कालीन कलेक्टर पाठक ने एनजीओ का काम दिलाने का झांसा दिया | 15 मई को कलेक्टोरेट के चेम्बर में बने रेस्ट रूम में शारीरिक संबंध बनाया | पीड़िता की शिकायत के बाद  एफआईआर दर्ज होने और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद जे पी पाठक को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है | हालांकि अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है |