
क्या है बड़ा मुद्दा?
एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टी20 टीम का ऐलान जल्द होने की चर्चा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक टूर्नामेंट यूएई में होने वाला है और 8 टीमें भाग लेंगी। इसी बीच चयन समिति के सामने दो बड़े सवाल हैं—
रिंकू सिंह को फिनिशर के तौर पर जगह मिलेगी या नहीं?
इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट में धमाल मचाने वाले शुभमन गिल को टी20 स्क्वॉड में कैसे फिट किया जाए?
रिंकू सिंह: कम होती भूमिका, बढ़ती चुनौती
आईपीएल 2023 में रिंकू ने यश दयाल के एक ओवर में लगातार 5 छक्के जड़कर सुर्खियां बटोरी थीं।
इसके बाद वे टीम इंडिया के लिए भी डेब्यू कर चुके हैं, लेकिन आईपीएल 2024 में उन्होंने कुल 113 गेंदें और आईपीएल 2025 में 134 गेंदें ही फेस कीं—जिससे उनकी भूमिका सीमित होने के संकेत मिलते हैं।
टीम इंडिया के मौजूदा सेटअप में फिनिशिंग ऑलराउंडर्स से लेने का रुझान दिखा: शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर जैसे विकल्प डेथ ओवर्स में तेजी से रन बना सकते हैं और गेंदबाज़ी का भी योगदान देते हैं।
मतलब: अगर टीम तीन ऑलराउंडर्स के साथ जाती है, तो एक विशुद्ध फिनिशर के लिए स्लॉट कम हो सकता है—और वही स्लॉट रिंकू का रहा है।
शुभमन गिल: टेस्ट फॉर्म का असर टी20 चयन पर?
इंग्लैंड में हालिया टेस्ट सीरीज़ में गिल ने 5 टेस्ट में 754 रन और 4 शतक ठोके—वे सीरीज़ के स्टैंडआउट परफॉर्मर रहे।
चयनकर्ताओं के लिए दुविधा यह है कि टी20 में टॉप-ऑर्डर पहले से भीड़भाड़ है। यदि गिल को जगह देनी है तो किसे ड्रॉप किया जाए? एक पूर्व नेशनल सेलेक्टर के हवाले से (पीटीआई) यही सवाल उठाया गया कि “हमेशा पूछते हैं किसे चुनना चाहिए, लेकिन किसकी जगह?”
निष्कर्ष: टॉप-5 में बदलाव किए बिना शुभमन के लिए स्थान निकालना मुश्किल है; ऐसे में मिडिल/लोअर मिडिल में फेरबदल की आशंका बढ़ती है—जो रिंकू की जगह पर सीधा असर डाल सकती है।
सेलेक्शन मैट्रिक्स: टीम बैलेंस कैसे बनेगा?
1) टॉप-ऑर्डर (1-3): रोहित/यशस्वी/विराट/गिल/अय्यर—यहां ओवरलैप ज्यादा है।
2) मिडिल-ऑर्डर (4-6): सूर्यकुमार/अय्यर/जितेश—हाई स्ट्राइक-रेट की मांग।
3) फिनिशर/ऑलराउंडर (6-8): शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर—दोहरी भूमिका के कारण वैल्यू बढ़ी।
4) बॉलिंग यूनिट: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज/अर्शदीप, कुलदीप/चहल—कंडीशंस के हिसाब से रोटेशन।
इम्प्लिकेशन: यदि टीम 3 ऑलराउंडर्स + 2 स्पिन ऑप्शन के साथ जाती है, तो एक शुद्ध पावर-हिटर (रिंकू) की जगह घट सकती है।
संभावित इंडिया T20 स्क्वॉड (चर्चा आधारित)
नोट: यह सूची आधिकारिक नहीं है—संतुलन समझाने के लिए संभावित कॉम्बिनेशन दर्शाया गया है।
टॉप-ऑर्डर: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, शुभमन गिल/श्रेयस अय्यर
मिडिल व इंजन रूम: सूर्यकुमार यादव, जितेश शर्मा (विकेटकीपर)
ऑलराउंडर्स/फिनिशर्स: शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर
स्पिनर्स: कुलदीप यादव/युजवेंद्र चहल
पेसर्स: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज/अर्शदीप सिंह
रिज़र्व/कंडीशन-बेस्ड: रिंकू सिंह, रवि बिश्नोई, हर्षल पटेल/आवेश खान
क्यों रिंकू पर खतरा ज़्यादा?
कम बॉल-फेसिंग: लगातार दो सीजन में सीमित गेंदें खेलने से टीम मिडिल में एंकर + पावर की कॉम्बो तलाशती है।
ऑलराउंड वैल्यू: दुबे/अक्षर/सुंदर बैट + बॉल दोनों देते हैं; टीम बैलेंस के लिए प्राथमिकता।
स्क्वॉड साइज: 15 या 16 में जगह बन सकती है, लेकिन प्लेयिंग-11 में संभावनाएं घटती हैं।
कोचिंग टेम्पलेट का असर
केकेआर में मेंटर रहते हुए गौतम गंभीर के उपयोग-पैटर्न से संकेत मिला कि रिंकू को परिस्थितिजन्य रोल दिया गया था। यदि राष्ट्रीय टीम भी मल्टी-स्किल्स पर जोर रखती है, तो रिंकू को रोल-क्लैरिटी के साथ सीमित मौके मिलें—यह चयन के समय उनके खिलाफ जा सकता है।
मुख्य सवाल
क्या शुभमन के लिए टॉप-ऑर्डर में किसी बड़े नाम को सरकाया जाएगा?
क्या टीम तीनों ऑलराउंडर्स के साथ जाएगी—जिससे रिंकू का स्लॉट प्रभावित होगा?
विकेटकीपर-फिनिशर के रूप में जितेश शर्मा पर भरोसा बरकरार रहेगा?
निष्कर्ष
एशिया कप 2025 से पहले टीम इंडिया का उद्देश्य होगा फॉर्म + फ्लेक्सिबिलिटी का सही संतुलन। शुभमन गिल की शानदार टेस्ट फॉर्म को देखते हुए उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल है, पर टॉप-ऑर्डर की भीड़ से जगह बनाना आसान नहीं। उधर रिंकू सिंह की भूमिका ऑलराउंडर-हैवी कॉम्बिनेशन में सबसे पहले दबाव में आती है। अंतिम फैसला सेलेक्टर्स इस आधार पर करेंगे कि यूएई की कंडीशंस में किसे कितनी बहु-आयामी उपयोगिता मिलती है।
क्विक बाइट्स (FAQ)
प्र. क्या रिंकू सिंह टीम से बाहर हो सकते हैं?
उ. स्क्वॉड में जगह संभव है, लेकिन प्लेयिंग-11 में स्थान ऑलराउंडर्स की संख्या पर निर्भर करेगा।
प्र. शुभमन गिल की टी20 में भूमिका क्या हो सकती है?
उ. वे टॉप-ऑर्डर बैटर हैं; चयन होने पर 1-3 स्लॉट में ही फिट होंगे।
प्र. फिनिशर की भूमिका कौन निभाएगा?
उ. टीम मैनेजमेंट शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर से यह काम ले सकता है, साथ में जितेश शर्मा डेथ में तेजी देते हैं।