अश्वमेध यज्ञ रजत जयंती समारोह प्रारंभ गायत्री महायज्ञ में होंगे कई संस्कार , जानिए कुंड बनाने छत्तीसगढ़ के कितने जिलों के पवित्र स्थल से लाई गई मिट्टी 

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गेंदलाल शुक्ला 

कोरबा । अखिल विश्व गायत्री परिवार का चार दिवसीय अश्वमेध यज्ञ रजत जयंती समारोह आज टीपी नगर स्टेडियम परिसर में प्रारंभ हो गया । इससे पहले भव्य कलश यात्रा में हजारों महिलाएं और बालिकाएं शामिल हुईं । गायत्री प्रज्ञापीठ व शक्तिपीठ से यात्रा निकाली गई । ये दोनों यज्ञ स्थल पर पहुंचीं जहां वरूण पूजन हुआ । 25 वर्ष पहले इसी स्थान पर गायत्री परिवार ने एक श्रृंखला के तहत अश्वमेध यज्ञ आयोजित किया था । इसमें काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए थे । अनुष्ठान, संस्कार और प्रवचन के साथ अन्य गतिविधियों को संपादित किया गया था । 

आयोजन के रजत जयंती अवसर पर यहां 251 कुंडीय गायत्री महायज्ञ किया जा रहा है । इसके लिए छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से लाई गई मिट्टी का उपयोग हवन वेदी में किया गया ।कुंड बनाने के लिए जांजगीर चांपा ,बिलासपुर ,मुंगेली , सूरजपुर ,कोरिया ,बलरामपुर , अंबिकापुर ,रायगढ़ व जशपुर के पवित्र स्थल से मिटटी लाई गई है | 10 से 13 नवंबर तक इन कुंडों में हजारों की संख्या में गायत्री परिजन और अन्य लोग पूजा-अर्चना में हिस्सा लेंगे । रविवार को दोपहर 12 बजे गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई । रास्ते में यात्रा का स्वागत किया गया । कोरबा नगर और उपनगरीय क्षेत्रों के अलावा अन्य जिलों से आए परिजनों ने यात्रा में भागीदारी की । बताया गया कि कलश पूजन और देव आह्वान के साथ यज्ञ प्रारंभ होगा। इसके साथ युग संगीत, प्रवचन तथा गुरुदेव का संदेश प्रसारित किया जाएगा। सामूहिक विवाह, पुशवन, अन्नप्रासन, यज्ञोपवित जैसे संस्कार भी तीन दिनों तक संपन्न कराए जाएंगे । जानकारी दी गई कि अनुष्ठान के प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति होना है । इस लिहाज से उच्च क्षमता वाली पाकशाला की व्यवस्था की गई है ।  गायत्री परिवार ने गायत्री साधना, स्वावलंबन, जैविक खेती, पर्यावरण, सकारात्मक ऊर्जा सहित कई विषयों पर साहित्य सृजन किया है । यह साहित्यलोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है। अन्य सामाग्री के स्टॉल भी आयोजन स्थल पर हैं। पूरे कार्यक्रम के अंतर्गत गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या और चिन्मय पांड्या का सानिध्य लोगों को प्राप्त  होगा।