जिस्मफरोशी के कारोबार में आशा वर्कर, सवालों के घेरे में महिला और समाज कल्याण विभाग, महिला अफसर गिरफ्तार, जिस्मफरोशी के बाद महज 100- 200 रुपये थमा देती थी लड़कियों को, जाँच के निर्देश

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औरंगाबाद / ग्रामीण अंचलों में महिला और बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाए संचालित की जा रही है | इसका मुख्य उद्देश्य हितग्राहियों को बेहतर स्वास्थ और आत्मनिर्भर बनाना है | लेकिन इन योजनाओं की आढ़ में भी जिस्मफरोशी का कारोबार फलने फूलने लगा | इस कारोबार में वही महिलाये लिप्त हो गई, जिनके कंधों पर महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास की जवाबदारी थी | मामले के खुलासे के बाद औरंगाबाद के रफीगंज में कुछ आशा कार्यकर्ता और अधिकारीयों को हिरासत में लिया गया है |

पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि जिस्मफरोशी की जानकारी पुलिस या अन्य लोगों को बताने पर उनकी बेटी को महिला अफसरों ने जान से मरवाने की धमकी भी दी थी | इस मामले में स्थानीय थाना प्रभारी आनंद कुमार ने कहा कि FIR दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दी गई है | आशा कार्यकर्ता – अफसरों और साईं हॉस्पिटल के डॉक्टर एवं कंपाउंडर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर बयान दर्ज किये गए है |

बताया जाता है कि आशा कार्यकर्ता द्वारा लड़कियों को फंसाकर जिस्मफरोशी का धंधा कराया जा रहा था | जब एक लड़की गर्भवती हुई तो उसके घरवालों ने इसकी जानकारी सामाजिक कार्यकर्ताओं को दी | पीड़ित युवती की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने आशा कार्यकर्ता अफसर को गिरफ्तार कर लिया है |

बताया जाता है कि एक 16 वर्षीय लड़की के गर्भवती होने की जानकारी उसके परिजनों को लगी थी | पुलिस ने बताया कि आशा कार्यकर्ता लड़कियों को ट्रेनिंग के नामपर गांव से कभी रफीगंज तो कभी औरंगाबाद लेकर जाती थी | शिकायत के मुताबिक महिला अफसर इन लड़कियों से जिस्मफरोशी कराते थे | इसके एवज में कभी लड़की को 100 रुपया तो कभी 200 रुपया दिया जाता था | पीड़िता की मां ने बताया कि उसे इस बात की खबर भी नहीं थी कि उसकी बेटी को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया गया है | उसने कई और लड़कियों को बचाये जाने की गुहार लगाई है |

पीड़िता की मां ने बताया कि एक दिन उसकी बेटी की अचानक तबीयत खराब हो गई। गांव की कुछ आशा कार्यकर्ता ने उसे स्थानीय हॉस्पिटल महाराजगंज में भर्ती कराया था | इस दौरान उन्हें पता चला कि उनकी बेटी पांच माह की गर्भवती है | पीड़िता की माँ के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कराने से पहले आशा कार्यकर्ता ने उसे गर्भपात की गोलियां खिला दीं थी | इन गोलियों को खाने से उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया | उधर प्रशासन ने मामले की जाँच के निर्देश दिए है |