रायपुर / छत्तीसगढ़ में कतिपय अफसरों के लिए काली कमाई की खदान बन चुके छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड में कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की खबर आ रही है | बताया जा रहा है कि ईमानदार अफसरों और कर्मियों ने दागी और भ्रष्ट्र अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है | उनकी मांग है कि सरकारी तिजोरी पर हाथ साफ करने वाले भ्रष्ट्र अफसरों और ठेकेदारों के खिलाफ जल्द क़ानूनी कार्रवाई नहीं हुई तो कर्मी बेमुद्द्त हड़ताल पर जा सकते है | कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल पर जाने के लिए बैठक भी की है | उधर हड़ताल के अंदेशे के चलते आयुक्त ने कर्मचारी नेताओं से आज मुलाकात की है | रायपुर विकास प्राधिकरण के मुख्यालय में छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के कर्मचारी नेताओं की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है |
बताया जा रहा है कि आज सुबह से ही आयुक्त और कर्मचारी नेताओं के बीच कई घंटों तक सुलह वार्ता चलती रही | दरअसल अकबर-बीरबल दर्जन भर से ज्यादा उन अफसरों को बचाने में जुटे है , जिन्हे जेल में होना चाहिए था | दरअसल विभागीय जांच में दागी अफसरों से करोड़ों की वसूली को लेकर रिपोर्ट जारी हो चुकी है | इस रिपोर्ट को आलमारी में कैद करने और ऐसे अफसरों को मिल रहे सरकारी संरक्षण से ईमानदार अफसरों ने नाराजगी जाहिर की है | बीजेपी शासनकाल के बाद अब कांग्रेस शासन में भी भ्र्ष्ट अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई नहीं होने से कर्मचारी संगठनों ने निंदा की है | उन्होंने कहा है कि भ्रष्ट्राचार वाली कार्यप्रणाली के चलते छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड कंगाली के कगार पर है | इसके बावजूद भी दागी अफसरों ने लूटपाट का कोई मौका नहीं छोड़ा है | कर्मचारी नेताओं ने आयुक्त को तत्काल पद से हटाने और विभागीय जांच में दोषसिद्ध पाए गए अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की है |
गौरतलब है कि हाऊसिंग बोर्ड के तालपुरी प्रोजेक्ट , शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना , नया रायपुर हाऊसिंग प्रोजेक्ट , NMDC के प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों का गोलमाल , बिलासपुर का अभिलाषा परिसर , ई टेंडरिंग घोटाला , CAG के बजाये लोकल ऑडिट कराने और पानी और मेन्टेन्स की ग्राहकों से मिलने वाली करोड़ों की रकम के गबन के मामले को लेकर अलग अलग FIR दर्ज कराने की मांग की है | कर्मचारी नेताओं की दलील है कि मुट्ठीभर अफसरों ने हाऊसिंग बोर्ड में कार्यरत हजारों अधिकारियों और कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है | उन्हें अंदेशा है कि यही हालत रहे थे तो जल्द ही छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड का नामों निशान मिट जायेगा | यही नहीं भ्रष्ट्र अफसरों के कारनामे से शासन की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ने पर भी कर्मचारियों ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है |
उधर कर्मचारी नेताओं ने आयुक्त को दो टूक साफ कर दिया है कि भ्रष्ट अफसरों को मिल रहे उनके संरक्षण के चलते विकास योजनाए बाधित हो रही है | गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यो के चलते हाऊसिंग बोर्ड के खिलाफ अदालतों में सैकड़ों मामले दायर हो रहे है | इन नेताओं ने साफ़ कर दिया है कि दागियों के खिलाफ फौरी कार्रवाई हो वर्ना वे सड़कों पर उतर आएंगे | उधर कर्मचारी नेताओं के रुख को ठंडा करने के लिए अकबर-बीरबल ने “फूट डालो और शासन करों की पुरानी नीति” का दांव खेला है | उन्होंने कर्मचारी नेताओं को पटाने के लिए पदोन्नति देने और मनचाहे इलाके में पोस्टिंग का वादा किया है | हालांकि कर्मचारी नेता अकबर-बीरबल के झांसे में नहीं आये है | उन्होंने राज्य सरकार से भी अपील की है कि भ्रष्टाचार के मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए फौरन आयुक्त को हटाया जाना चाहिए |