कोलकाता : पश्चिम बंगाल में TMC और बीजेपी के बीच आर -पार की लड़ाई चल रही है। इस बीच अलीपुरद्वार की एक अदालत ने 13 साल पहले आभूषणों की दो दुकानों में हुई चोरियों के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। बताया जाता है कि अलीपुरद्वार रेलवे स्टेशन और बिरपारा के पास स्थित गहनों की दुकानों में 2009 में चोरी हुई थी। जबकि एक अन्य मामले में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उनके खिलाफ झारग्राम में मुकदमा दर्ज करने से बवाल खड़ा हो गया है। पुलिस के कई अफसरों ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए ठीकरा FIR दर्ज करने वाले अफसर पर फोड़ दिया है।
शुभेंदु अधिकारी ने एक मंत्री पर तल्ख़ टिप्पणी की थी। उन्होंने आदिवासी समुदाय से आने वाले पश्चिम बंगाल की मंत्री बीरबाहा हंसदा के बारे में मुखरता से आरोप लगाए थे। सूत्र बताते है कि इसे कथित अपमानजनक टिप्पणी करार देते हुए मुख्यमंत्री ने सीधे हस्तछेप किया और FIR दर्ज करा दी। बताया जाता है कि शुभेंदु की टिपण्णी का गलत राजनैतिक अर्थ निकाला गया।
FIR में उनकी टिप्पणी को आपत्तिजनक होने का आरोप लगाया गया है। हाल ही में, एक वीडियो क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें शुभेंदु अधिकारी को सार्वजनिक रूप से यह कहते हुए सुना गया था कि ‘बीरबाहा हंसदा उनके जूते के नीचे रहने लायक है | उधर पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने अपने नेताओं का बचाव करते हुए कहा कि यह FIR उनकी छवि खराब करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि टीएमसी इसमें कामयाब नहीं होगी। उन्होंने दावा किया कि हमारे कार्यकर्ता टीएमसी को उत्तर बंगाल से दक्षिण 24 परगना तक खदेड़ देंगे।
मंत्री बीरबाहा हांसदा ने उनके और तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य विधायक के खिलाफ कथित रूप से ‘‘आपत्तिजनक टिप्पणी’’ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। हांसदा ने झारग्राम पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कथित तौर पर टिप्पणी की थी कि वह और बिनपुर के टीएमसी विधायक देबनाथ हांसदा ‘‘उनके तलवे के नीचे हैं’’. झारग्राम विधायक हांसदा ने आरोप लगाया कि टीएमसी के दोनों विधायक आदिवासी हैं, इसलिए उनके खिलाफ यह टिप्पणी की गई है।
जानकारी के अनुसार, बुधवार को केंद्रीय मंत्री से जुड़े एक मुकदमें की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में हुई थी। इसके बाद गिरफ्तारी वारंट उस वक्त जारी किया गया जब बीजेपी सांसद प्रामाणिक की ओर से कोई वकील कोर्ट में मौजूद नहीं था। केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ एक अन्य आरोपी के खिलाफ भी 11 नवंबर को वारंट जारी किया गया था। सरकारी वकील जे. मजूमदार ने बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर उत्तरी 24 परगना जिले के ‘एमपी/एमएलए’ अदालत से इस मुकदमे को अलीपुरद्वार अदालत में स्थानांतरित किया गया है।