नई दिल्ली / उच्चतम न्यायालय ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी द्वारा बंबई उच्च न्यायालय के नौ नवंबर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है। जिसमें उच्च न्यायालय ने उन्हें 2018 में इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले मामले में अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अर्नब गोस्वामी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से कहा कि ‘आपके द्वारा पक्ष रखने से पहले, इन मामलों में एक पहलू हम देख रहे हैं जिसमें प्राथमिकियों को चुनौती दी गई है।
एकमात्र विनती एफआईआर को रद्द करने को लेकर की गई है।’ इस पर हरीश साल्वे ने तर्क देते हुए कहा कि द्वेष और तथ्य की अति, राज्य शक्ति का दुरुपयोग और आचरण कुछ ऐसा नहीं है जो दैनिक आधार पर होता है। हम पिछली एफआईआर के चरण में हैं। मई 2018 में एफआईआर दर्ज की गई और इस मामले की जांच की गई। दोबारा जांच करने की शक्ति का गलत तरीके से उपयोग किया गया।