रायपुर /दिल्ली /मुंबई : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय सम्मेलन से ज्यादा चर्चा अब अर्चना गौतम की है। राजनैतिक गलियारों में संदीप सिंह पर हमले की खबर खूब सुर्खियां बटोर रही है। इसके साथ ही कांग्रेस के उन नेताओ का नाम भी हवा में है,जो अर्चना गौतम को दम देने के लिए जाने-पहचाने जाते है। बताते है कि पार्टी में कई नेताओ ने खड़गे की राह में कांटा बिछाना शुरू कर दिया है। जबकि वे राहुल-प्रियंका की राह आसान बनाने के दावों के बीच फूलो की सेज सजाने में लगे है। बताते है कि संदीप सिंह पर राजनैतिक हमला कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का हिस्सा है।
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भले ही राष्ट्रीय सम्मेलन में पार्टी एकजुटता का दावा कर रही है,लेकिन छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और मध्यप्रदेश में नेतृत्व विवाद लगातार गहराता जा रहा है। इस बीच कांग्रेस आलाकमान पर हमलावर रुख अपनाने के चलते सुर्ख़ियों में आई अर्चना गौतम पर अनुशासन का डंडा चलाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
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बताते है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का हाथ लगने के बाद अर्चना गौतम की राजनीति में नई पहचान कायम हुई थी। राजनीति के जानकारों के मुताबिक बघेल ने अर्चना गौतम को कांग्रेस की टिकट दिलाने से लेकर उनके चुनावी खर्च तक का बीड़ा उठाया था। मुख्यमंत्री बघेल के साथ उनकी मुलाकात भी दिलचस्प बताई जाती है।
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बताते है कि पार्टी में महिला OBC लीडर के रूप में अर्चना गौतम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किसी से भी लड़ने-भिड़ने को तैयार रहती थी। उनकी यह आदत अभी से नहीं बल्कि बचपन से उनके सिर पर सवार रहती थी।
एक दौर था जब वह 10 रुपए के लिए लोगों के घरों में सिलेंडर पहुंचाया करती थीं. अर्चना गौतम बाइक और साइकिल से लोगों के घरों में डिलीवरी करती थीं. उन्होंने 6 हजार रुपए की कॉल सेंटर वाली जॉब भी की है,लेकिन आज अर्चना करोड़ों की मालकिन हैं।आज उनके पास बंगला,गाड़ी,”घोडा” बैंक बैलेंस हीरे जवाहरात सब कुछ है।
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बताते है कि राजनीति में अर्चना भले ही विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकीं हो लेकिन जनता के दिलों को जीतने वाले कई नेता उनकी एक झलक पाने को बेताब रहते है। आर्थिक तंगी के दौर से निकल कर आज वो बड़े मुकाम में है। एक जानकारी के मुताबिक उनकी चल-अचल संपत्ति 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की है।किसी भी मुद्दे पर बेबाकी से वो अपनी बात रखती है। बताते है कि संघर्षो की प्रेरणा सदैव उन्हें सीएम बघेल से मिलती है। उन्होंने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान इसका दावा भी किया था।
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बताते है कि दिल्ली,नोएडा,आगरा और मुंबई के अलावा कई महानगरों में अर्चना की जमीन जायदाद है। कई रसूखदार उनके आगे-पीछे घूमते है।छत्तीसगढ़ में तो उनकी तूती बोलती है। हालिया फेसबुक लाइव में तो अर्चना गौतम ने रायपुर में भी अपने ठिकानो का दावा कर प्रियंका गाँधी के निजी सचिव संदीप सिंह को ललकारते हुए पुलिस के खौफ की हवा निकाल दी थी। “सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का ” की तर्ज पर अर्चना ने संदीप पर जो पलटवार किया,वो यूँ ही नहीं बताया जा रहा है।
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एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘मेरी पहली जो जॉब थी, टेलीकॉलिंग की जॉब थी. उसमें मुझे 6000 महीना मिलता था. मुझे इंग्लिश आती नहीं थी तो मैं कोशिश करती थी कि हिंदी में बात कर लूं लेकिन कोई मेरा फोन ही नहीं उठाता था, लोग फोन काट देते थे. तो उन्होंने मुझे निकाल दिया था नौकरी से क्योंकि कोई डील ही नहीं हो रही थी. फिर उससे बड़ी, 10 हजार-12 हजार, ऐसा करते-करते जॉब की. और फिर मैंने सेटलमेंट किया.’
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बताते है कि अर्चना गौतम का संघर्षो का दौर अभी भी जारी है,भले ही वो करोड़पति बन गई हो,लेकिन राजनीति में कुछ कर गुजरने की तमन्ना उनमे कूट-कूट कर भरी है। वो OBC लीडर के रूप में कांग्रेस के भीतर अपने विरोधियों से दो-दो हाथ कर रही है। मुख्यमंत्री बघेल को अपना आदर्श मानने वाली अर्चना ने कभी भी विपरीत परिस्थितयो में अपनी आक्रामक छवि से समझौता नहीं किया। बताते है कि इसी के चलते पार्टी में उनकी अलग पहचान कायम हुई है।
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सलमान खान के ‘बिग बॉस 16’ में अपनी हरकतों और कॉमिक टाइमिंग से अर्चना गौतम ने ऑडियंस का खूब मनोरंजन किया था। बताते है कि सीएम बघेल की प्रेरणा से इस शो में वह आखिरी तक बनी रहीं। उनकी खूबियों ने उन्हें मॉस्ट एंटरटेनर कंटेस्टेंट ऑफ द सीजन तक पहुंचाया। उनके शुभचिंतक चाहते थे कि अर्चना यह शो जीतें लेकिन समीकरण बिगड़ गए। आखिरी दौर में वह पिछड़ गई और जीत ना सकीं।
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अर्चना गौतम ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह एक्ट्रेस बने। परिवार उनकी शादी कम उम्र में कराना चाहता था।अर्चना गौतम ने कहा, “मेरे करियर को लेकर मेरे माता-पिता के बीच अनबन चल रही थी. मेरे पिता नहीं चाहते थे कि मैं मुंबई आऊं और यहां करियर बनाऊं क्योंकि हमारे पास कोई सपोर्ट नहीं था.”
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अर्चना गौतम ने आगे कहा, “लेकिन मैं कोशिश करना चाहती थी और मेरी मां ने मेरा साथ दिया और मेरे पिता ने एक शर्त रखी कि या तो तुम अपने बच्चों के साथ रहो या मेरे साथ.”
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अर्चना गौतम मूल रूप से यूपी के मेरठ की रहने वाली हैं. उन्हों ने IIMT से पत्रकारिता की पढाई की है.इसके बाद उन्होंने टीवी-प्रिंट विज्ञापनों में काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ग्रैंड मस्ती, हसीना पारकर, बारात कंपनी, जंक्शन वाराणसी जैसी फिल्मों में काम किया है. इनके अलावा अर्चना तेलुगू और तमिल की फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं।
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छत्तीसगढ़ की राजनीति में अर्चना गौतम की चर्चा जोरो पर है। रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान प्रियंका गाँधी के निजी सचिव पर अर्चना के हमलो से कांग्रेस की गुटीय राजनीति गरमाई हुई है। दरअसल,अपनी खास समर्थक के कांग्रेस आलाकमान पर गंभीर आरोपों से क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इतेफाक रखते है,इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
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उधर,छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की राजनीति पर नजर रखने वाले कई जानकार बताते है कि सीएम बघेल की नजरें काफी पैनी है,भले ही निगाहें कही पर हो,निशाना सटीक लगता है। वो ये भी मानते है कि बघेल का “हाथ” काफी बरकत वाला है।ये और बात है कि “चील” ने भले ही जेल का रास्ता तय कर लिया हो,लेकिन “चिड़िया” ने जरूर सोने की बन कर आसमान का रुख किया है।
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फिलहाल तो छत्तीसगढ़ में सौम्या चौरसिया के खौफ में अपना समय गुजार रही नौकरशाही राजनीति की नई धमक से सदमे में है। नई दस्तक के तेवर भी उन्हें सौम्या से कम नहीं नजर आ रहे है।उन्हें अंदेशा इस बात का है कि चार दिनों की चांदनी फिर अँधेरी रात में ना तब्दील हो जाए।