उपेंद्र डनसेना
रायगढ़ | रायगढ़ जिला मुख्यालय में नई सरकार बनने के बाद अधिकारियों की मनमानी चरम सीमा पर है । कार्यालय में बैठे अधिकारी अपने पद को लेकर इतने मदहोश हो चुके हैं कि उन्हें सरकारी फंड के दुरूपयोग तथा हितग्राहियों को दी जाने वाली सहायता राशि वसूली तक की फुर्सत नही मिल रही है । इतना ही नही करोड़ो की वसूली के मामले में हितग्राहियों के नाम तक सार्वजनिक करने के लिए अधिकारी यहां तक कह रहे हैं कि यह जानकारी वे नही दे सकते और जिसको लेनी है वो लेकर दिखाए ।
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कार्यालय में जाने से पहले आम आदमी तो क्या देश के चौथे स्तंभ भी अगर जाएंगे तो उन्हें जानकारी लेने में काफी जद्दोजहद उठानी पड़ेगी ही उल्टे अधिकारी की दादागिरी का भी शिकार होना पड़ेगा । इस बात की सच्चाई उस वक्त देखने को मिलती है जब लंबे समय से अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कार्यालय से जारी हितग्राहियों के लोन मामले में वसूली तक नही हो पा रही है । करोड़ो रुपए के सहायता राशि लेने के बाद हितग्राही अधिकारी से सांठगांठ करके सरकारी सहायता राशि नही पटा रहे हैं इतना ही नही जिन लोगों ने इस कार्यालय से अलग-अलग योजना का लाभ उठाते हुए लाखों रुपए की राशि ली थी उन हितग्राहियों ने कार्यालय में झांका तक नही है । इस पूरे मामले में जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के अधिकारी आरसी शर्मा से जब हमने जानकारी चाही तो उन्होंने पहले तो तीन दिन बाद आने को कहा उसके बाद फिर से यह कहा कि जो जानकारी चाहिए वह सूचना के अधिकार के तहत मांग ले वे सीधे जानकारी नही दे सकते । बातचीत के दौरान उन्होंने यहां तक कहा कि कार्यालय में जो भी वसूली संबंधी जानकारी है वह किसी को नही देंगे चाहे जो हो जाए । आरसी शर्मा इससे पहले भी रायगढ़ जिला मुख्यालय में पदस्थ रह चुके हैं और उनके भ्रष्टाचार संबंधी मामले की जांच शासन स्तर पर चल भी रही है और उनका स्थानांतरण रायगढ़ से होनें के बाद फिर से उनकी पदस्थापना भी काफी विवादस्पद रही है ।
सरकारी पेट्रोल पंप से लेकर जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यालय संबंधी कामकाज मामले में कई गड़बडी हो चुकी है जिसमें हिसाब किताब में करोड़ो के हेरफेर हैं बावजूद इसके राज्य सरकार के बड़े अधिकारियों से मिलकर आरसी शर्मा फिर से यहां पदस्थ होनें में कामयाब हो गए हैं और इस विभाग में सहायता राशि बांटे जाने के बाद से वसूली लगभग शून्य सी हो गई है। शासन स्तर पर चल रही जांच के बाद भी इस अधिकारी के ऊपर कोई कार्रवाई नही हो रही है। इतना ही नही पिछले अधिकारी से चार्ज लेते समय भी उन्होंने नियमों का न केवल उल्लंघन किया बल्कि अपनी पहुंच का फायदा उठाते हुए एकतरफा कार्यभार लेकर विभाग में अपनी मनमानी व दादागिरी करते आ रहे हैं।
बहरहाल भूपेश बघेल सरकार के रहते ऐसे अधिकारी जो शासकीय कार्य योजनाओं में बांटे जाने वाली राशि की वसूली संबंधी जानकारी सार्वजनिक करने में कतरा रहे हैं तो उस कार्यालय में गड़बडी किस स्तर पर होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। देखना यह है कि आरसी शर्मा के खिलाफ जिला कलेक्टर क्या कार्रवाई करते हैं यह तो समय बताएगा लेकिन फिलहाल अधिकारियों की मनमानी जारी है।