सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नई नियुक्ति
केंद्र सरकार ने बुधवार को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपुल पंचोली और बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने इस जानकारी को सोशल मीडिया पर साझा किया। दोनों न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में अब 34 न्यायाधीशों के साथ पूरी क्षमता से काम किया जा सकेगा।
कॉलेजियम प्रणाली पर उठे सवाल
हालांकि, इस नियुक्ति के दौरान कॉलेजियम प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल भी उठे हैं। सुप्रीम कोर्ट की एकमात्र महिला न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रत्ना, ने मुख्य न्यायाधीश विपुल पंचोली की पदोन्नति पर असहमति व्यक्त की थी। उनका कहना था कि इससे कॉलेजियम प्रणाली पर भरोसा कम हो सकता है और न्यायपालिका के लिए प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। न्यायमूर्ति रत्ना का यह भी मानना है कि पंचोली के स्थानांतरण और अन्य योग्य उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया जा सकता था।
न्यायाधीश विपुल पंचोली और आलोक अराधे का पेशेवर सफर
विपुल पंचोली 1991 में बार में शामिल हुए और 2014 में गुजरात हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने। इसके बाद 2023 में उन्हें पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ट्रांसफर किया गया। वहीं, आलोक अराधे ने 1988 में वकालत शुरू की और 2023 में तेलंगाना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। उसी साल उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट का CJI बनाया गया।
सुप्रीम कोर्ट की कार्य क्षमता
इन नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की सभी पद भर गए हैं, जिससे अदालत अपनी पूरी क्षमता के साथ न्याय सुनिश्चित कर सकेगी। इस नियुक्ति से न्यायपालिका में अनुभव और विविधता दोनों का संतुलन बना रहेगा।
