दुनिया में बड़ी तेजी से फैल रही ये बीमारी, 2050 तक 4 करोड़ लोगों की जान ले लेगी! स्टडी में दावा

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Antimicrobial Resistance: वैसे तो दुनिया में कई बीमारियों का खतरा हर वक्त बना रहता है, लेकिन अब ‘एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस’ खौफ पैदा कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा इस बीमारी को लेकर अपनी दूसरी हाई लेवल मीटिंग आयोजित करने की तैयारी कर रही है, क्योंकि एक नई स्टडी बढ़ते खतरे से निपटने के लिए निर्णायक, ग्लोबल एक्शन की तत्काल जरूरत पर जोर डाल रही है.

एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि अब और 2050 के बीच एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस यानी एएमआर (AMR) इंफेक्शन से सीधे 39 मिलियन (तकरीबन 4 करोड़) से अधिक मौतों का अनुमान है, साथ ही एएमआर बैक्टीरिया अप्रत्यक्ष रूप से 169 मिलियन मौतों के लिए जिम्मेदार हो सकता है.

यह गंभीर भविष्यवाणी समय के साथ ग्लोबल हेल्थ इम्पैक्ट के फर्स्ट इन डेप्थ एनालिसिस, से आती है, जो ग्लोबल रिसर्च ऑन एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (GRAM) प्रोजेक्ट द्वारा की गई है. ‘द लैंसेट’ में छपी स्टडी, 1990 से 2021 तक एएमआर रुझानों में इनसाइट प्रदान करता है, और 204 देशों और क्षेत्रों के लिए 2050 तक संभावित प्रभावों का अनुमान लगाता है. इसमें आशंका जताई गई है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे साउथ एशियन कंट्रीज इस बीमारी से काफी ज्यादा प्रभावित होंगी।

ऑस्ट्रेलिया के आरएमआईटी यूनिवर्सिटी के एक इम्यूनोलॉजी और गट हेल्थ के प्रोफेसर राजारमण एरी, जो शोध में शामिल नहीं थे, उन्होंने कहा, “एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंजाई और वायरस जैसे माइक्रोऑर्गेनिजम्स अब दवाओं पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, जिससे संक्रमण का इलाज करना मुश्किल हो जाता है और बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी और मौत का खतरा बढ़ जाता है. एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस का उदय आधुनिक चिकित्सा के लिए एक गहरी चुनौती बन गया है, संभावित रूप से दशकों की मेडिकल प्रोग्रेस को उलट रहा है.”

ऐतिहासिक एएमआर बर्डेन के अनुमान के मुताबिक 22 पैथोजेंस, 84 पैथोजेंस-ड्रग कॉम्बिनेश और सभी उम्र के लोगों के बीच 11 इंफेक्शियस सिंड्रोम के लिए तैयार किया गया था, जो अस्पताल के डेटा, मौत के रिकॉर्ड और एंटीबायोटिक यूज डेटा सहित कई सोर्सेज से 520 मिलियन व्यक्तिगत रिकॉर्ड पर आधारित था. वर्तमान रुझानों के आधार पर, रिसर्चर्स का अनुमान है कि एएमआर की वजह से सालाना मौतें 2050 तक बढ़कर 1.91 मिलियन हो जाएंगी, और जिन मौतों में एएमआर भूमिका निभाता है, वो बढ़कर 8.22 मिलियन हो जाएंगी. ये 2021 की तुलना में क्रमशः 67.5% और 74.5% का इजाफा है.