Chinese Manjha Biker Death: राजधानी दिल्ली में चीनी मांझे का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में चाइनीज मांझे से एक और शख्स की जान चली गई. मृतक का नाम विपिन कुमार बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गुरुवार को वो राखी बंधवाने के बाद बाइक से पत्नी और बेटी को लेकर अपने ससुराल जा रहे थे. शास्त्री पार्क फ्लाइओवर पर चाइनीज मांझे की चपेट में आने से विपिन की गर्दन बुरी तरह कट गई थी. घायल हालत में उन्हें सिविल लाइंस स्थित टॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
देश के कई हिस्सों में स्वतंत्रता दिवस, रक्षा बंधन और मकर संक्रांति जैसे त्यौहारो पर पतंगबाजी का शौक लोगों में जुनून की हद तक दिखाई देता है. लोगों का यह शौक जानलेवा साबित हो रहा है.
गर्दन काट रहा है चाइनीज मांझा
देश के कई हिस्सों में चाइनीज मांझा से जान जाने की खबरें लगातार सुर्खियों में रहती हैं. चाइनीज मांझा लगातार अपना कहर बरपा रहा है. दिल्ली के शास्त्रीपार्क में चाइनीज मांझे ने गुरूवार को बाइक सवार युवक की जान ले ली. पतंगबाजी का शौक और चाइनीज मांझे के कारण हर साल इसकी चपेट में आकर कई लोग घायल होते हैं और कई मामलों में उन्हें अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है. कई पक्षी भी इसकी चपेट में आकर मारे जाते हैं.
चाइनीज मांझे से अबतक कितनी मौत?
दिल्ली में अभी हाल ही में इसी महीने एक एमबीए छात्र अभिनव की चीनी मांझे से गर्दन कट गई थी. शाहदरा जिले के जगतपुरी इलाके में चीनी मांझे से बाइक सवार छात्र अभिनव की गर्दन कट गई थी, जिसके बाद उसे मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इससे पहले 25 जुलाई को नार्थ वेस्ट दिल्ली के हैदरपुर फ्लाई ओवर के पास सुमीत नाम का युवक चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया. मांझे से उसकी गर्दन कट गई थी. पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.
चाइनीज मांझे का कहर
सुमित नाम का युवक दिल्ली के बुराड़ी (Burari) इलाके से अपनी दुकान को बंद करके अपने घर लौट रहा था, लेकिन चाइनीज मांझे ने उसकी रास्ते में ही जान ले ली. इससे पहले मई महीने में यूपी में चाइनीज मांझा जानलेवा साबित हुआ था. उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में चाइनीज मांझे से बाइक सवार एक युवक की गर्दन बुरी तरह कट गई. वो सड़क पर ही गिर गया और तड़पने लगा. अधिक खून बह जाने की वजह से युवक की मौक पर ही जान चली गई.
चाइनीज मांझे पर NGT का रूख क्या?
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी (NGT) ने जुलाई 2017 में खतरनाक चीनी मांझे की बिक्री पर पूरे देश में प्रतिबंध लगा दिया था. पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (PETA) की अर्जी पर एनजीटी की ओर से ये आदेश जारी किया गया. देशभर में प्रतिबंध लगने के बाद मांझा बनाने वाली कंपनियां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली.
बैन के बावजूद चाइनीज मांझे की बिक्री क्यों?
चाइनीज मांझा नायलॉन के धागे में मैटेलिक पाउडर मिलाकर तैयार किया जाता है, जो काफी मजबूत होता है. इससे अबतक कई लोगों की जान जा चुकी है. दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने एनजीटी की ओर से बैन लगाने के बाद इसे रखने और इस्तेमाल करने पर अधिकतम 5 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया था. पतंग उड़ाने के लिए सिर्फ सूती धागे के इस्तेमाल करने की इजाजत है, बावजूद इसके चाइनीज मांझे की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है.
खतरनाक चाइनजी मांझे (Chinese Manjha) की बिक्री करने वालों खिलाफ प्रशासन का ढीला रवैया बेहद ही खतरनाक और जानलेवा साबित हो रहा है. सख्ती नहीं किए जाने की वजह से कुछ लोग बैखोफ होकर मांझे को बेच रहे हैं. पतंग (Kite) के शीकीन लोग बिना डर के इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. हर साल इसकी वजह से इंसानों से लेकर पशु पक्षियों की जान जा रही है. चाइनीज मांझे की वजह ज्यादातर दोपहिया वाहन सवार शिकार होते हैं. हर साल सैकड़ों पशु-पक्षी भी इससे जख्मी होते हैं, उनमें कई पक्षियों की मौत भी हो जाती है.