नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को 5 अगस्त 2025 को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह समन एक कथित लोन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है, जिसमें रिलायंस समूह की कई कंपनियों पर ₹10,000 करोड़ से अधिक की बैंक ऋण राशि के दुरुपयोग का आरोप है।

ईडी के अनुसार, ये ऋण कथित रूप से अलग-अलग कंपनियों और शेल फर्मों में ट्रांसफर किए गए। जांच एजेंसी का संदेह है कि इस रकम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के ज़रिए अन्य जगहों पर किया गया। इस सिलसिले में अंबानी से पूछताछ कर उनकी भूमिका स्पष्ट करने की कोशिश की जाएगी।
दिल्ली स्थित मुख्यालय में पेश होंगे अंबानी
सूत्रों ने बताया कि 66 वर्षीय अनिल अंबानी को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है। यहां उनसे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बयान दर्ज किया जाएगा। ईडी की यह कार्रवाई रिलायंस समूह की कंपनियों द्वारा लिए गए संदिग्ध बैंक लोन और उससे जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत की जा रही है।

24 जुलाई की छापेमारी के बाद तेज़ हुई कार्रवाई
5 अगस्त की पूछताछ से पहले, 24 जुलाई को ईडी ने मुंबई में अनिल अंबानी समूह से जुड़ी 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के 35 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी तीन दिनों तक चली और इसमें कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए।
येस बैंक से जुड़े ₹3,000 करोड़ के लोन पर फोकस

ईडी की जांच का एक अहम हिस्सा येस बैंक द्वारा 2017 से 2019 के बीच रिलायंस समूह की कंपनियों को दिए गए ₹3,000 करोड़ के लोन से जुड़ा है। आरोप है कि लोन के जारी होने से पहले येस बैंक के प्रमोटर्स को संबंधित कंपनियों के जरिए फंड ट्रांसफर किया गया, जिसे ईडी “किकबैक” मान रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि क्रेडिट अप्रूवल मेमो बैकडेटेड थे, बिना उचित मूल्यांकन निवेश किया गया और बैंक की नीति का उल्लंघन हुआ।
यह एक बड़ा मामला है जिसमें उद्योग जगत की बड़ी हस्ती जांच के घेरे में है।
अब देखना यह होगा कि 5 अगस्त की पूछताछ के बाद इस केस की दिशा क्या मोड़ लेती है।
