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नाराज कांग्रेसी ने दी इस्तीफे की धमकी,प्रशासन व निगम की कार्रवाई पर उठाए सवाल,गरीबों के साथ होने वाले अन्याय पर जताया रोष, मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक शिकायत के बाद भी नही रूक रही कार्रवाई

रिपोर्टर_उपेंद्र डनसेना

रायगढ़/ रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में सरकारी जमीनों को 152 प्रतिशत में नीलामी की प्रक्रिया के साथ-साथ गरीबों की दुकानों को बेजा कब्जा बताकर हटाए जाने के मामले में नगर निगम के पूर्व सभापति वर्तमान में मेयर इन कौंसिल के सदस्य सलीम नियारिया ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि इस प्रकार की कार्रवाई से गरीब जनता के बीच कांग्रेस के प्रति आक्रोष बढ़ते जा रहा है और ऐसे मामलों मंे स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा खेल मंत्री उमेश पटेल के साथ-साथ रायगढ़ विधायक ने भी प्रशासन को गरीबों के साथ न्याय करने की पहल पर जोर दिया है। बावजूद इसके प्रशासनिक आतंकवाद चरम पर है। उन्होंने अब ऐसे मामलों में कार्रवाई करने पर स्वयं बुलडोजर के सामने खड़े होकर गरीबों की दुकानों को बचाने के लिए आगे रहने के साथ-साथ कांग्रेस की सरकार में ही ऐसे दमन होनें के फैसले पर इस्तीफे तक की धमकी दी है।

यह बात उन्होंने कल ही एक निजी चैनल में कही थी जिसको लेकर कांग्रेस में भी हड़कप मचा हुआ है।यहां यह बताना लाजमी होगा कि रायगढ़ शहर में इन दिनों आशुतोष पाण्डेय जिला कलेक्टर के साथ मिलकर शहर के वार्डो का भ्रमण करते हुए कथित सौंदर्यीकरण व सफाई व्यवस्था का जायजा लेते हुए उन व्यवसायियों को टारगेट बना रहे हैं जो कई सालों से अपना जीवन बसर करने के लिए दुकान लगा रहे हैं लेकिन अब इन दुकानों पर प्रशासन की नजर है। कहीं अचानक निगम आयुक्त खुद 6 से 8 घंटे खड़े होकर दुकानों पर बुलडोजर फिराते हुए वाहवाही लूट रहे हैं वहीं कुछ अन्य इलाकों में लगातार फैल रहे बेजा कब्जा के मामले में मौन व्रत साध लिया है।

सलीम नियारिया ने अपना रोष अशर्फी देवी महिला चिकित्सालय के सामने बनी दुकानों को तोड़ने के आदेश पर जताया है उनका कहना है कि यह जमीन यहां के तालाब की पचरी की जमीन है और सालों से यहां गरीब दुकानदार दुकान के माध्यम से अपनी आजीविका चला रहे हैं और यहां अगर बुलडोजर फिराया जाता है तो वे बुलडोजर के सामने खड़े होकर इसका विरोध करेंगे भले ही उन्हें पार्टी से इस्तीफा क्यों न देना पड़े चूंकि ऐसे मामलों मंे वे जनता के साथ हैं न कि पार्टी के साथ। इससे पहले भाजपा के जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने भी निगम की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे उन्होंने शहर में बेजा कब्जा तोडने के अभियान में केवल गरीबों को ही टारगेट बनाने का आरोप निगम आयुक्त पर लगाया था। एक जानकारी के अनुसार शहर के बीचो बीच स्थित पुराने शनि मंदिर पर बने मकान को आज तक छुआ नही गया है और बदले में केलो नदी के किनारे नए मंदिर की स्थापना के बहाने 10 हजार क्वारफीट से ज्यादा जमीन पर पुजारी व उसका परिवार काबिज हो गया है। इतना ही नही इस मंदिर से लगे मजदूरों को गर्मी व बरसात से बचाए रखने के लिए बनाए गए शेड पर भी पुजारी का कब्जा है और इस मामले में निगम शिकायत के बाद भी कोई पहल नही कर रहे हैं।

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पूर्व सभापति व मेयर इन कौंसिल के सदस्य सलीम नियारिया ने कहा है कि निगम के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था के लिए वे हमेशा साथ खड़े हैं लेकिन जहां गरीबों के आशियानों के साथ-साथ उनकी आजीविका के उपर बुलडोजर चलेंगे तो वे उनके साथ खड़े हैं। सलीम नियारिया का यह भी कहना है कि निगम में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को विष्वास में रखकर तोडफोड की कार्रवाई होनी चाहिए न कि अपने मन से अधिकारी कहीं भी बुलडोजर लेकर पहुंचकर आशियानें व दुकानें ढहाने लग जाएं, उनका वो पुरजोर विरोध कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। उनका मानना है कि सालों से वे कांग्रेस में रहकर गरीबों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके मतों से विजयी हो रहे हैं और उनके ही उपर उनके सरकार के रहते अन्याय हो ऐसा वे सहन नही करेंगे। वे कहते हैं कि जिला कलेक्टर व निगम आयुक्त को चाहिए कि नियमानुसार कार्रवाई करके जो गरीब तबके के लोग हैं उन्हें रोजगार चलाने के लिए

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