Amul vs Nandini Row: कर्नाटक में दूध मैन्युफैक्चरिंग कंपनी अमूल की एंट्री को लेकर विवाद जारी है. राज्य का एक बड़ा तबका अमूल के आने का विरोध कर रहा है. इस बीच अब बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने राज्य के (डेयरी) किसानों का समर्थन करने के लिए केवल नंदिनी दूध का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. लोगों का दावा है कि अमूल डेयरी की एंट्री से स्थानीय ब्रांड और किसानों को बड़ा नुकसान होगा.
ब्रुहट बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने एक बयान में अमूल का नाम लिए बगैर कहा कि कन्नाडिगा को केवल नंदिनी दुग्ध उत्पादों का प्रचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी को हमारे किसानों के नंदिनी दूध पर गर्व है. इससे पहले, कांग्रेस ने बीजेपी पर राज्य के दुर्जेय डेयरी ब्रांड नंदिनी को मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, गुजरात की दूध कंपनी अमूल ने हाल ही में कर्नाटक में दूध और दही बेचने की घोषणा की है. वहीं कांग्रेस ने इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के ब्रैंड नंदिनी को ‘खत्म’ करने की साजिश करार देते हुए बीजेपी को घेरा है. कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सभी कन्नाडिगों को अमूल उत्पादों को नहीं खरीदने का संकल्प लेना चाहिए. उनका यह बयान कर्नाटक मिल्क फेडरेशन और गुजरात के आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड के विलय की अटकलों के बाद आया.
‘लाखों लोगों की आजीविका’
उन्होंने आगे कहा कि राज्य की सीमाओं के अंदर घुसपैठ कर हिंदी थोपने और भूमि राजद्रोह के अलावा अब बीजेपी सरकार कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को बंद करके किसानों को धोखा देने जा रही है, जो लाखों लोगों की आजीविका है. सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और अमूल को राज्य में एंट्री करने से रोकने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस संबंध में राज्य में जनमत संग्रह कराना चाहिए.