
नई दिल्ली / रायपुर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों के समर्थन में उतरे कांग्रेसी नेता राहुल गाँधी को अपनी ही पार्टी के नेताओं की मालामाल स्थिति से दो -चार होना पड़ रहा है। राहुल गाँधी ने ट्रम के बयानों के बाद बग़ैर देरी किये भारत और रूस की इकोनॉमी को डेड बताया था। इसके बाद देश भर में कांग्रेसी नेताओं की छप्पड़फाड़ कमाई सुर्ख़ियों में है। कांग्रेसी बयानों के बीच ऐसे नेताओं की काली कमाई के चर्चे भी खूब हो रहे है। इस फ़ेहरिस्त में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भू -पे बघेल और उनके आरोपी पुत्र चैतन्य बघेल उर्फ़ बिट्टू की आसमान छूती अरबो -खरबों की सम्पत्ति का आंकलन शुरू हो गया है।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल द्वारा IT -ED और भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई घोषित संपत्ति में सालाना एक करोड़ से ज्यादा के इजाफ़े का दावा किया जा रहा है। जबकि उनके ”किसान” और रियल स्टेट कारोबारी पुत्र की संपत्ति ने मात्र 5 साल के भीतर अरबों -खरबो का गोता लगा लिया है। यही हाल पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी नाते -रिश्तेदारों, बेटी -दामाद, साले -बहनोई का है। कांग्रेसी राज में ये तमाम ”किसान” भी करोड़ों में खेल रहे है। राज्य के 3200 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री के वैधानिक पुत्र को 1 हजार करोड़ की हिस्सेदारी एक मात्र आबकारी विभाग द्वारा तस्तरी में रखकर परोसी जा रही थी। जबकि अन्य सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों से कमाई का आंकड़ा जाँच के घेरे में बताया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री पिता -पुत्र, कुनबे और गिरोह की काली कमाई से पूरा प्रदेश हैरत में बताया जाता है।

IT -ED, CBI और ACB -EOW समेत अन्य जाँच एजेंसियां पूर्व मुख्यमंत्री और उनके घोटालो के सरगना की तिकड़मों से वाकिफ बताये जाते है। भू -पे बघेल की घोषित -अघोषित सम्पत्ति एवं आपराधिक कारनामों की पड़ताल में एजेंसियां जुटी हुई है। हैरान करने वाली बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके करीबियों की भी वैध -अवैध सम्पत्ति साल दर साल आसमान छू रही है। ऐसे में लोकसभा में नेता विपक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी का ट्रम के बयानों को सही ठहराना कितना जायज और नाजायज है ? इसे लेकर रायपुर से लेकर दिल्ली तक जमकर माथा -पच्ची का दौर भी शुरू हो गया है।

बता दें कि ट्रंप के बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने कहा था, ‘मुझे खुशी है कि ट्रंप ने फैक्ट बताया है, वह सही हैं। सदन में राहुल यही नहीं रुके, उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा था कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण को छोड़कर सभी को यह बात पता है कि भारत एक डेड इकोनॉमी है। क्या आप लोगों को इसकी जानकारी नहीं है ? राहुल गाँधी के इस बयान की फैक्ट फाइंडिंग का अब नमूना भी सामने आने लगा है। भारत इकोनॉमी डेड है, या लाइव ? कांग्रेस के गलियारों में नेताओं की घोषित और अघोषित सम्पति को देखकर देश की इकोनॉमी ग्रोथ का पता चलने लगा है। कांग्रेसी नेताओं की माली हालत के आधिकारिक आकंड़ो पर ग़ौर करे तो राहुल गाँधी से ज्यादा धनवान और सम्पत्तिवान भू -पे बघेल बताये जाते है।

EX CM बघेल की घोषित – अघोषित संपत्ती के बीच गहरी खाई, बाप रे इतनी संपत्ति ..
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 से लेकर 2023 तक पूरे 5 वर्ष मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भू – पे बघेल मजबूती के साथ चिपके रहे। उनकी कुल संपत्ति की बात की जाए तो CM की कुर्सी में बैठते ही उनकी संपत्ति में भारी इजाफा हुआ है। इन वर्षो में उनकी सपंत्ति ने जबरदस्त उछाल मारते हुए कई गुना अधिक बढोत्तरी दर्ज की है। साल 2018 में 17 दिसंबर को प्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। इस दौरान चुनाव आयोग को भेजे गए हलफनामे में उनके पास कुल 8 करोड़ की संपत्ति घोषित की गई थी, लेकिन अब यह वर्ष 2025 में बढ़कर 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है।

जानकारी के मुताबिक, बघेल के पास वर्ष 2018 में पेश किये गए आय के आंकड़े मौजूदा अर्थ व्ययस्था और कांग्रेसी डेड इकोनॉमिक के बयानों को मुँह चिढ़ाते साबित हो रहे है। इस दौर में पूर्व मुख्यमंत्री की कुल 230,526,171 रुपये की संपत्ति बताई गई थी। इसमें 14,667,061 रुपये की चल संपत्ति और 215,859,110 रुपये की अचल संपत्ति का एलान किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना प्रमुख व्यवसाय कृषि को बताया था। इतना ही नहीं बघेल पर करीब 19 लाख रुपये का कर्ज होने की बात भी सामने आई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री की घोषित सम्पत्ति के बाजार भाव को बेहद नीचे की दरों पर आकंलन करने के बावजूद उनकी सम्पति सुरसा के मुँह की तरह बताई जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री की सम्पत्ति का शुरुआती छोर का आंकड़ा तो जाँच एजेंसियों के हाथो में बताया जाता है, लेकिन अंतिम छोर अथाह आँका जा रहा है। अब ये राजधानी रायपुर से सात समुन्दर पार दुबई तक फैला बताया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री के आय के स्रोतों तक पहुंचने में एजेंसियों को और कितना वक्त लगेगा ? अभी इसका अंदाजा लगाना भी दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। हालांकि दावा तो यह भी किया जा रहा है कि जाँच एजेंसियां भू -पे की काली कमाई के किलो तक पहुंच गई है।

जानकारी के मुताबिक करीब साल भर पूर्व, वर्ष 2024 में राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते समय बघेल ने अपना हलफनामा चुनाव आयोग को पेश किया था। इसमें बताया गया था कि उनके पास करीब 34 करोड़ 39 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति है। उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल भी करोड़ों की मालकिन बताई गई हैं। भू – पे ने यह भी बताया था कि उनके पास बैंक खाते में 1,30,56,420 रुपये जमा हैं। वहीं, पत्नी के पास 2,79,62,656 रुपये बैंक में जमा हैं। हलफनामे में पेश आधिकारिक आय के स्रोत हैरान करने वाले बताये जाते है। उनकी समस्त स्रोतों से आय – व्याय का ब्यौरा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री की तीन बेटियां और एक बेटा है। उनके पुत्र चैतन्य बघेल रियल स्टेट और ”किसान” कारोबार से जुड़े हैं। उनकी आर्थिक जड़े भिलाई के आलावा प्रदेश भर के कई इलाकों में फैली हुई है, वह लग्जरी अपार्टमेंट बनाते हैं और बेचते हैं। चैतन्य बघेल की पत्नी भी बैंक में काम कर चुकी हैं। कहा जाता है कि शादी के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। चैतन्य बघेल की संपत्ति पर ग़ौर फ़रमाने से पूर्व भू -पे की माली हालत से भी रूबरू होना जरुरी बताया जाता है।

उधर पुत्र चैतन्य बघेल द्वारा अर्जित सम्पति भी बड़े पैमाने पर काली कमाई से जुडी बताई जाती है। शराब घोटाले के तार चैतन्य उर्फ़ बिट्टू के ठिकानो से जुड़े पाए गए है। उनके खिलाफ ED के बाद ACB -EOW भी आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी में जुटी बताई जाती है। इससे पहले जांच एजेंसियों ने मई 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री के गिरोह का पर्दाफाश किया था। इस दौरान रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के कारोबारी भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपियों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिसकी कीमत 205.49 करोड़ रुपये आंकी गई थी।ईडी ने जो संपत्तियां कुर्क की थी, उसमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की 14 संपत्ति शामिल थी, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये थी. वहीं, 115 संपत्तियां अनवर ढेबर की थीं, जिसकी कीमत 116.16 करोड़ आंकी गई। इसके अलावा विकास अग्रवाल की भी 3 संपत्तियां कुर्क की गई थीं, जिसकी कीमत 1.54 करोड़, 33 प्रॉपर्टी अरविंद सिंह की, जिसकी कीमत 12.99 करोड़ थी और तत्कालीन आबकारी सचिव अरुण पति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक मात्र संपत्ति को जब्त किया गया था।
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पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के आय के कारखानों पर गौर करे तो बकौल ईडी, 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार ने CSMCL का गठन किया था। लेकिन वर्ष 2018 में सरकार के बदलने के साथ ही नया सिंडिकेट बना और पूर्व मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली अवैध कमाई का एक टूल बन गई थी। जानकार तस्दीक करते है कि कई सरकारी विभागों में पूर्व मुख्यमंत्री के निर्देश पर अवैध आमदनी के कल – कारख़ाने खोले गए थे। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को हाईजैक कर लिया गया था। यह भी आरोप है कि CSMCL से जुड़े शराब की बिक्री और निर्माण के कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट पूर्व मुख्यमंत्री के इसी सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे। ED का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से ‘बड़ा कमीशन’ कमाया, ये रकम अनवर ढेबर के जरिये सरकारी अधिकारियों और एक विशेष राजनीतिक पार्टी तक साझा की गई थी।
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इधर लोकसभा के जारी सत्र के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने डेड इकोनॉमी के बयान को लेकर राहुल गांधी पर हमला बोला है। रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी बच्चे नहीं हैं, उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि इस तरह के बयानों से देश की छवि को नुकसान पहुंचता है। जानकारी के मुताबिक राहुल के बयान पर कांग्रेस के एक धड़े ने भी किनारा कर लिया है। फ़िलहाल, पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की आय से अधिक सम्पति अर्जित करने का मामला डेड इकोनॉमी से नहीं बल्कि लोकतंत्र में देश की जीवंत ”लाइव शो” के दौरान प्रदेश की आम जनता की आँखों में धूल झोकने के आपराधिक सरोकार से जुडी, बताई जाती है।