वाशिंगटन. चीन पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए अमेरिका ने कहा है कि बीजिंग ताइवान पर ‘यथास्थिति को बदलने’ की कोशिश कर रहा है. वरिष्ठ डेमोक्रेट नैंसी पेलोसी के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की ताइवान यात्रा के बाद बढ़े तनाव के बीच चीन और अमेरिका में तनाव चरम पर पहुंच गया है. चीन इस यात्रा को ताइवान पर संप्रभुता के अपने दावों के लिए एक चुनौती के रूप में देखता है. जबकि ताइवान खुद को अलग देश कहता है.
चीन पर बेवजह तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘ये गतिविधियां यथास्थिति को बदलने के चीन की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि हैं. वे उत्तेजक, गैर-जिम्मेदार हैं और गलत अनुमान लगाने का जोखिम उठाते हैं. वे ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के हमारे लंबे समय से चले आ रहे लक्ष्य से भी असहमत हैं, जिसकी दुनिया को उम्मीद है.’ जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन पर वाशिंगटन के साथ बातचीत के सभी प्रमुख चैनलों को अवरुद्ध करके ‘गैर-जिम्मेदाराना कदम’ उठाने का आरोप लगाया.
शनिवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी जहाजों और विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया. ये एक अनौपचारिक बफर जोन है जो दोनों पक्षों की सीमा को अलग करता है. ताइवान ने कहा कि चीन के ये सैन्य अभ्यास उस पर हमला करने का एक रिहर्सल था. बीजिंग ने इन नए आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है. लेकिन उम्मीद है कि रविवार तक ताइवान के आसपास हवा और समुद्र में चीन का सैन्य अभ्यास जारी रहेगा.
चीन का कहना है नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया है. ताइवान को चीन अपने एक अलग प्रांत के रूप में देखता है, जो अंततः बीजिंग के नियंत्रण में आ जाएगा. जबकि ताइवान एक स्व-शासित द्वीप है जो खुद को चीन से अलग एक आजाद देश मानता है.