अमेरिकी विदेश विभाग ने गैर-आप्रवासी वीजा (NIV) आवेदकों के लिए नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत अब हर आवेदक को अपने नागरिकता या कानूनी निवास वाले देश में ही वीजा इंटरव्यू अपॉइंटमेंट बुक करना होगा। यह नियम तत्काल प्रभाव से विश्व स्तर पर लागू हो गया है। केवल उन देशों के लिए अपवाद रखा गया है, जहां अमेरिका नियमित रूप से एनआईवी संचालन नहीं कर रहा है।
इस बदलाव का सबसे बड़ा असर भारतीय यात्रियों पर पड़ेगा। कोविड-19 के समय जब भारत में बी1/बी2 (पर्यटक/व्यवसाय) वीजा इंटरव्यू के लिए प्रतीक्षा समय तीन साल तक पहुंच गया था, तब कई भारतीय विदेशों में जाकर इंटरव्यू देते थे। बैंकॉक, सिंगापुर, यहां तक कि जर्मनी के फ्रैंकफर्ट तक भारतीय इंटरव्यू के लिए जाते थे। लेकिन अब यह विकल्प खत्म हो गया है। वर्तमान में भारत में बी1/बी2 वीजा अपॉइंटमेंट की प्रतीक्षा अवधि हैदराबाद और मुंबई में साढ़े तीन महीने, दिल्ली में साढ़े चार महीने, कोलकाता में पांच महीने और चेन्नई में करीब नौ महीने है।
नए नियमों के अनुसार, रूस के आवेदकों को अस्टाना या वारसॉ, अफगानिस्तान के आवेदकों को इस्लामाबाद और ईरान के नागरिकों को दुबई स्थित अमेरिकी दूतावास में आवेदन करना होगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में वीजा नीतियां और सख्त कर दी गई हैं। 2 सितंबर से सभी एनआईवी आवेदकों, यहां तक कि 14 साल से कम और 79 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी आमतौर पर कांसुलर अधिकारी के साथ व्यक्तिगत इंटरव्यू देना जरूरी होगा। हालांकि, कुछ अपवाद रखे गए हैं, जैसे हाल ही में जारी वीजा का नवीनीकरण।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से भारतीय यात्रियों को अमेरिका यात्रा की योजना बनाने में ज्यादा समय और धैर्य की जरूरत होगी।
