मध्यप्रदेश में मामा के डॉक्टरों का कमाल, अस्पताल में भर्ती हुआ 22 साल का युवक, डॉक्टरों ने सुपुर्द किया 65 साल के बुजुर्ग का शव, हैरत में परिजन, युवक के शव को लेकर हंगामा, मामला संदेहस्पद

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रीवा वेब डेस्क / मध्यप्रदेश में मामा की तर्ज पर राज्य के डॉक्टर भी हरफनमौला की तरह नजर आ रहे है | मामला रीवा के सरकारी अस्पताल का है | यह के स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली ने एक परिवार को हैरत में डाल दिया | यहां के एक सरकारी अस्पताल में 22 साल के एक युवक को गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था | चार दिन बाद इस युवक के परिजनों को उसकी मौत की सुचना दी गई | परिजन हैरत में पड़ गए | दरसअल उन्होंने शरीर में दर्द की सामन्य शिकायत के बाद इस युवक को अस्पताल लाया था | डॉक्टरों ने उसे तुरंत भर्ती कर लिया | हद तो तब हो गई जब मौत की सुचना देने के बाद डॉक्टर ने उस युवक का शव लेने के लिए अस्पताल की मर्चूरी में परिजनों को भेज दिया |

मर्चूरी में उनके बेटे के नाम लिखे एक सील बंद लाश उन्हें सौंप दी गई | परिजनों ने लाश कब्जे में लेकर खूब रोया | वे शव को लेकर अस्पताल से बाहर आ गए | वाहन में शव रखते वक्त उसकी कद -काठी और वजन को लेकर परिजनों को शंका हुई | उन्होंने फ़ौरन शव पर से कपडा हटाया | इस शव का चेहरा देखते ही उनके पैरो तले जमीन खिसक गई | यह शव किसी बुजुर्ग का नजर आया | उसकी उम्र लगभग 65 -70 के लगभग आंकी गई | परिजन फ़ौरन इस बुजुर्ग का शव लेकर उलटे पैर मर्चूरी लौटे | उन्होंने वहां मौजूद व्यक्ति को वापिस शव सौंप दिया | यह घटना उजागर होते ही अस्पताल में हंगामा मच गया |

परिजनों को लगा कि युवक जिन्दा है | पीड़ित परिवार ने अस्पताल परिसर में इस घोर लापरवाही पर हंगामा शुरू कर दिया | उन्होंने उस बुजुर्ग का शव लेने से इनकार कर दिया | परिवार वालों ने इस बात पर विरोध जताया कि उन्हें किसी और का शव सुपुर्द कर दिया गया है | उधर अस्पताल अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था | हंगामे के बाद कथित मृतक युवक के पिता रामविलास कुशवाहा ने न्यूज़ टुडे से कहा कि इस बीच जिले के डिस्ट्रिक्ट चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर ने उन्हें बताया कि उसके बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है | यह सुनकर परिजन और भड़क गए |

इसके बाद अस्पताल में लोगो का जमघट लग गया | नाराज होकर मृतक युवक के परिजनों ने कमिश्नर और पुलिस सुपरिटेंडेंट के ऑफिस का घेराव किया और हंगामा किया | इस दौरान एक बार फिर डॉक्टरों ने अपनी सफाई दी | पीड़ित परिवार के मुताबिक 22 साल के इस युवक को संजय गांधी हॉस्पिटल में बदन दर्द की शिकायत होने के बाद भर्ती किया गया था | डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में दाखिल कराया | डॉक्टरों ने बताया कि इसके बाद युवक को कोविड सेंटर में रेफर कर दिया गया | जबकि पीड़ित युवक के पिता ने कहा कि उनका बेटा कोविड अस्पताल में भर्ती हुआ, तब से उसके बारे में डॉक्टरों ने कोई सूचना नहीं दी | युवक के पिता का आरोप है कि अस्पताल ने अभी तक उनके बेटे की कोविड रिपोर्ट तक नहीं दी है | 

युवक के पिता ने बताया कि उनके बेटे के ICU में दाखिले के तीन-चार दिन बाद जब डॉक्टरों से युवक की तबीयत के बारे में जानकारी मांगी तो डॉक्टरों ने उसकी मौत की बात कही | उन्हें मॉर्चरी में शव पहचानने के लिए भेज दिया गया | युवक के पिता ने कहा, जिस बैग में शव रखा हुआ था, जब उसे खोला गया तो वे दंग रह गए क्योंकि उसमें बुजुर्ग व्यक्ति का शव रखा था | लेकिन उसपर उनके बेटे का टैग लगा था | युवक के पिता कुशवाहा ने बताया कि अब अस्पताल का कहना है कि उसने अन्य मृतकों के साथ उसके बेटे को भी दफना दिया है | उनके मुताबिक डॉक्टर इसकी सच्चाई नहीं बता रहे हैं | उन्होंने इसे लापरवाही और उनके बेटे के साथ अनहोनी का मामला बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है | उधर मामले के तूल पकड़ने के बाद रीवा डिविजन कमिश्नर ने अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राकेश पटेल को सस्पेंड कर दिया है |